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मध्य प्रदेश
45 दिवसीय Siddhitapa के 18 बाल तपस्वियों के साथ 35 तपस्वियों का पारणा संपन्न
Gulabi Jagat
10 Sep 2024 12:56 PM GMT
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Meghnagar मेघनगर। नगर में आयोजित ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास अंतर्गत आयोजित सामूहिक सिद्धितप महोत्सव के 35 तपस्वियों के तप अनुमोदनार्थ आयोजित त्रिदिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन सिद्धितप के तपस्वियों का अनुमोदना कार्यक्रम संपन्न हुआ। महोत्सव के आज के दिन का शुभ आरंभ तपस्वियों के वरघोड़े के साथ हुई, 35 सिद्धितप तपस्वियों को 17 तपस्वी रथ में, बैठाकर यह वरघोड़ा प्रारंभ हुआ। वरघोड़े के प्रारंभ में 2 घोड़े पर लहराता हुआ जिनशासन का ध्वज इस वरघोड़े को सुशोभित कर रहा था, तो वही राजेंद्र बैंड अपनी सुमधुर ध्वनि से प्रभू, गुरु भक्ति के गीत गाता चल रहा था। इसके पश्चात इंदौर निवासी एवं अग्निबाण समूह के श्री किशोरजी चेलावत परिवार परमात्मा का चित्र रथ में लेकर चल रहा था, तो उसके पीछे दादा गुरुदेव का चित्र लेकर रतलाम निवासी राजेंद्रजी सेठिया परिवार रथ में विराजमान था, पुण्य सम्राट का चित्र रथ में लेकर बैठने का लाभ झाबुआ निवासी मुकेशजी, हार्दिक जैन परिवार ने लिया।
परमात्मा एवं गुरुदेव के रथ के पश्चात DJ पर युवा गुरुभक्ति के गीतों पर थिरकते हुए चल रहे थे तो उसके पश्चात तपस्वी रथ क्रमांक 1 से तपस्वी रथ क्रमांक 16 तक सिद्धितप के तपस्वी इस वरघोड़े की शोभा बढ़ा रहे थे। हर तपस्वी रथ के साथ उन तपस्वी परिवार के सदस्य ढोल की थाप पर नृत्य करते हुए अपने अपने तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए चल रहे थे। वरघोड़े के प्रारंभ में ही इंद्र महाराजा ने 15 मिनट तक अपना आशीर्वाद बरसाकर इस तप अनुमोदना कार्यक्रम में शीतलता प्रदान कर दी। बारिश की बूंदों में भी तपस्वी और उनके परिजनों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
वरघोड़ा ज्ञान मंदिर से प्रारंभ होकर जैन मंदिर, शिवाजी चौक, दशहरा मैदान, sai चौराहा, होते हुए कार्यक्रम स्थल श्री बाफना फाइबर्स पहुंचा। तपस्या के वरघोड़े का नगर परिषद अध्यक्ष कमलेश मचार के नेतृत्व में परिषद द्वारा एवं नगर की विविध सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी तपस्वियों का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। जहा श्रीसंघ द्वारा तप अनुमोदना हेतु विराट श्री राज - राजेंद्र प्रवचन शाला का निर्माण किया गया, पधारे सभी आगंतुकों के भोजन प्रसादी के लिए श्री गौतम स्वामी भोजन मंडप का निर्माण तो सिद्धितप आराधकों के लिए श्री पुण्य सम्राट पारणा वाटिका का सुंदर निर्माण किया गया।
अनुमोदना कार्यक्रम का शुभारंभ में दादा गुरुदेव, पुण्य सम्राट गुरुदेव के चित्र के समक्ष एवं पूज्य साध्वीजी को गुरुवंदन हुआ, पश्चात अग्निबाण समूह के प्रमुख श्री किशोरजी चेलावत, श्रीसंघ अध्यक्ष शांतिलालजी लोढ़ा, सकल जैन संघ अध्यक्ष सुरेशचंद्र जैन, समाजसेवी मुकेशजी जैन नाकोडा, विनोदजी बाफना, मनोहरलाल चोरड़िया, देवेंद्र जैन, रवि जैन द्वारा दादा गुरुदेव एवं पुण्य सम्राट गुरुदेव के चित्र के समक्ष धूप, दीपक, माल्यार्पण किया गया।
साध्वीजी ने अपने मुखारविंद से मंगलाचरण फरमाकर कार्यक्रम को प्रारंभ करने के आज्ञा प्रदान की, पश्चात सभी तपस्वियों को बाजते - गाजते रैंप के माध्यम से मंच तक लाया गया जहा तपस्वियों का उत्साह भी देखने जैसा था, सभी तपस्वी आज अपने सिद्धितप की पूर्णाहुति का सुखद अनुभव करते हुए जमकर थिरके, पश्चात क्रमानुसार तपस्वी, आदिश लोढ़ा, आश्वी लोढ़ा, सुशीला लोढ़ा, राखी लोढ़ा, दिविक कावड़िया, रेणु कावड़िया, अर्चित मुथा, जयंत भंडारी, राहुल वागरेचा, अंकित कोठरी, पूनम कोठारी, लब्धि कोठारी, राशि लुनावत, याशी भंडारी, निलेश कोठारी, कमलेश कोठारी, ऐशु कोठारी, सीमा जैन, मेघना वागरेचा, अंशिका कावड़िया, अभिधान कावड़िया, राहुल लोढ़ा, रिती लोढ़ा, प्रशम भंडारी, रिदित रूनवाल, नरेंद्र रांका, प्रेमलता रांका, आरवी रांका, रक्षा कांठी, निशा बाफना, खुशी बाफना, सुनील पावेचा, नुपुर जैन, परी जैन, माही चोरडिया सभी का पदप्रक्षालन एवं वधामणा अक्षत मोती से सोहनलालजी, राहुलजी रूनवाल परिवार द्वारा किया गया, तो वही तपस्वियों का तिलक से शांतिलालजी, राकेशजी लोढ़ा, माला से सोहनलालजी राहुलजी रूनवाल, श्रीफल से श्रीमत कैलाशबेन राजमलजी चंडालिया, एवं अभिनंदन पत्र से बहुमान कमलेशजी महावीरजी भंडारी परिवार द्वारा किया गया।
वधामणा एवं बहुमान के पश्चात इस सिद्धितप महोत्सव की प्रेरणादाता पूज्य साध्वीजी भगवंत तत्वलाताश्रीजी का बहुमान वधामणा कर किया गया जिसका कि सुंदर लाभ लिमडी जैन श्रीसंघ अध्यक्ष परेशजी धोका परिवार द्वारा लिया गया।
पूज्य साध्वीजी ने तप की महिमा का वर्णन करते हुए फरमाया की तप को करने से मानव अपने कर्मो को निर्जरा करते हुए आने वाले भव में मोक्ष में जाने के अपना रिजर्वेशन करवा लेता है, इसलिए हमे अपने जीवन में व्रत, नियम पच्चखान में रहना जरूरी है। पूज्य साध्वीजी के प्रवचन के पश्चात श्री विनोद बाफना द्वारा भी तपस्वियों की अनुमोदना की गई। श्रीमती सीमादेवी सुरेशचंद्रजी जैन के सिद्धितप के अनुमोदनार्थ मुख्य पारणा का लाभ श्रीमती वीणादेवी पूरणमलजी जैन परिवार द्वारा लिया गया। प्रवचन के पश्चात तपस्वियों के पारणा हेतु बनाई गई श्री पुण्य सम्राट पारणा वाटिका का उद्घाटन पूज्य साध्वीजी की निश्रा में के सुरेशचंद्र जैन, राजेश जैन, जैकी जैन सहित पूरे परिवार द्वारा करते हुए समस्त तपस्वियों को सबसे पहले पारणा करवाया गया।
उक्त जानकारी देते हुए परिषद अध्यक्ष देवेंद्र ने बताया कि, इस अनुमोदना महोत्सव में, झाबुआ, राणापुर, जोबट, पारा, राजगढ़, टांडा, रिंगनोद, रतलाम, जावरा, उज्जैन, रम्भापुर, लिमडी, दाहोद, झालोद, संजेली, थांदला, बामनिया, नागदा, कुशलगढ़, निसरपुर, सैलाना, कुक्षी, रामगंजमंडी, इंदौर, बड़नगर, बदनावर आदि श्रीसंघ की उपस्थिति के साथ लगभग 3000 से अधिक लोगो ने इस अनुमोदना कार्यक्रम में शिरकत की । कार्यक्रम का सफल संचालन रजत मनोहर कावड़िया द्वारा किया गया। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष शांतिलाल लोढ़ा ने माना।
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