मध्य प्रदेश

ग्वालियर में हमारी हार अकल्पनीय, हम समीक्षा करेंगे

Kajal Dubey
24 July 2022 4:57 PM GMT
ग्वालियर में हमारी हार अकल्पनीय, हम समीक्षा करेंगे
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मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम के बाद सभी दल अपनी-अपनी समीक्षा में जुट गए हैं। भाजपा की नगर निगम में सात सीटें गंवाने के बाद कारण तलाशे जाने लगे हैं। ग्वालियर क्षेत्र में मिली हार को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक निजी चैनल से बातचीत में हार को अकल्पनीय बताया है।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि ग्वालियर में हम जो हारे हैं, मैं उस हार की कल्पना नहीं कर रहा था। वो हमारे लिए अलार्मिंग है। क्योंकि हम वहां ताकतवर हुए एक ग्रुप के आने से। वहां हम अगर हारे हैं तो क्यों हारे हैं, इस पर विचार करेंगे।
बता दें कि भाजपा ग्वालियर-चंबल-मुरैना में हमेशा से मजबूत रही है। पहले जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे, तब भी भाजपा वहां लगातार जीतती रही है। माधवराव सिंधिया के समय में बीजेपी उपस्थिति दर्ज कराती रही है। अब जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं तो भाजपा को वहां और मजबूत माना जाने लगा था, पर इस बार के परिणामों ने भाजपा की नए सिरे से सोचने पर मजबूर जरूर किया है। कैलाश विजयवर्गीय भी इसे अलार्मिंग बताते हुए समीक्षा की बात कह रहे हैं, हालांक उन्होंने गुटबाजी जैसी बातों को खारिज कर दिया।
कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि हम हार की समीक्षा करेंगे, अभी किसी को दोष देना, किसी पर जिम्मेदारी देना जल्दबाजी होगी। हमारी कोर टीम हार के कारणों पर विचार करेगी। कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला की भी तारीफ की है। उन्होंने कहा कि संजय ने अच्छा चुनान लड़ा। एक साल से वे तैयारी में लगे थे। इंदौर में भाजपा को विकास कामों के बदले में जीत मिली है। मीडिया भी संजय के पक्ष में माहौल बनाते दिख रहे थे। हमें भी रणनीति बनानी पड़ी।
सीएम को अफसरों पर ज्यादा भरोसा
कैलाश ने कहा कि ये बात सही है कि इस बार जो मतदाता सूची बनी है, प्रदेश भर में लोग परेशान हुए हैं। इस पर भी हमें विचार करना होगा। इसमें प्रशासन की भूमिका कितनी है, चुनाव आयोग की भूमिका कितनी है, इसे सीएम को गंभीरता से लेना चाहिए। हमारे सीएम का स्वभाव है कुछ ऐसा कि वे अधिकारियों पर ज्यादा विश्वास करते हैं। इतना ही विश्वास कार्यकर्ताओं पर भी करना चाहिए। तो शायद ये गलती नहीं होती। कहां चूक हुई है, उसे हम जरूर देखेंगे। तीन दिन पहले हमें मतदाता सूची में गड़बड़ी का पता चल गया था, पर समय कम था। मतदाता सूची में गड़बड़ी के मामले में कहीं न कहीं अधिकारी, चुनाव आयोग जिम्मेदार है।
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