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न्यू जीडीसी में दो करोड़ के घोटाले में एफआईआर के आदेश
इंदौर: भारतीय शा. महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय, किला मैदान (न्यू जीडीसी कॉलेज) में हुए दो करोड़ के घोटाले में उच्च शिक्षा विभाग ने तत्कालीन प्राचार्य सहित पांच लोगों पर एफआईआर के आदेश तो दे दिए, लेकिन पुलिस को जांच रिपोर्ट ही नहीं सौंपी। नतीजा यह कि आरोपी कोर्ट से स्टे ले आए।
कॉलेज में सेल्फ फाइनेंस की फीस से 8 वेंडरों को बाथटब, डिनर सेट, बिजली उपकरण, कम्प्यूटर पार्ट्स, एलईडी लाइट, एल्युमिनियम सेक्शन खरीदी के नाम पर 1.33 करोड़ का भुगतान किया गया था। कुल 2.04 करोड़ की खरीदी हुई। यह सामान कभी कॉलेज में आया ही नहीं। वर्ष 2018, 2019 और 2020 में हुए इस घोटाले के समय प्राचार्य का प्रभार कुसुमलता निगवाल के पास था।
मुख्य लिपिक व स्टोर प्रभारी कल्पना परांजपे थीं। इसके बाद आईं प्राचार्य मीनाक्षी जोशी ने घोटाला उजागर किया। भास्कर के खुलासे के बाद हुई जांच में सभी दोषी पाए गए। विभाग ने तत्कालीन प्राचार्य निगवाल, परांजपे, कैशियर अनिता सक्सेना, सहायक ग्रेड-2 सुधा शर्मा, राजेश पाठक सहित पांच पर एफआईआर के आदेश दिए। सुधा शर्मा व अनिता सक्सेना को निलंबित कर दिया। हालांकि एफआईआर से पहले आरोपी स्टे ले आए, क्योंकि जांच रिपोर्ट ही नहीं सौंपी।
पुताई और मेंटेनेंस का काम पीडब्ल्यूडी के पास, बिल कैसे पास हुए- नियमानुसार शासकीय कॉलेज होने से यहां के मेंटेनेंस के साथ ही रंगाई-पुताई का काम पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाता है। इसके लिए पत्राचार करते ही वहां से टीम आकर तत्परता से आवश्यक कार्य करती है। कॉलेज अपने स्तर पर यह काम करवा ही नहीं सकता।