मध्य प्रदेश

एक की मौत, तीन घायल आदिवासी दिवस पर विदिशा के जंगल में आदिवासियों पर गोलीबारी

Admin4
10 Aug 2022 10:08 AM GMT
एक की मौत, तीन घायल आदिवासी दिवस पर विदिशा के जंगल में आदिवासियों पर गोलीबारी
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न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला

न्यूज़क्रेडिट; अमरउजालामध्यप्रदेश के विदिशा जिले के घने जंगल में मंगलवार को देर रात हुई गोलीबारी में एक की मौत हो गई और तीन लोग घायल हैं। वन विभाग के गश्ती दल को जंगल में लकड़ी चोर दिखाई दिए, जिन्हें चुनौती दी गई। उन्होंने सरेंडर नहीं किया तो वन विभाग ने फायरिंग कर दी। इसमें एक आदिवासी की मौत होने की बात सामने आई है। सरकार ने मामले में जांच के आदेश दिए है।

मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के घने जंगल में मंगलवार को देर रात हुई गोलीबारी में एक की मौत हो गई और तीन लोग घायल हैं। वन विभाग के गश्ती दल को जंगल में लकड़ी चोर दिखाई दिए, जिन्हें चुनौती दी गई। उन्होंने सरेंडर नहीं किया तो वन विभाग ने फायरिंग कर दी। इसमें एक आदिवासी की मौत होने की बात सामने आई है। सरकार ने मामले में जांच के आदेश दिए है।

विदिशा वन विभाग के गश्ती दल ने लटेरी में लकड़ी चोरों पर फायरिंग की। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लटेरी में देर रात को वन विभाग की टीम जंगल में गश्त कर रही थी। गश्त के दौरान वरवटपुरा के पास कुछ बाइक सवार नजर आए जो लकड़ी चुराकर ले जा रहे थे। वन विभाग की गश्त कर रही टीम ने जब उन युवकों को रोकने का प्रयास किया तो वे भागने लगे। वन विभाग की गश्ती टीम ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी में एक युवक को गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। तीन अन्य घायल हैं, जिनका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। वहीं, इस मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लटेरी की घटना दु:खद है। इस मामले में मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच के आदेश दिए है।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि विदिशा जिले के लटेरी के जंगलों में वन विभाग की गोलीबारी में एक आदिवासी युवक की मृत्यु और तीन आदिवासी युवकों के घायल होने की गंभीर घटना सामने आई है। देश जब आजादी की हीरक जयंती मना रहा है तब भी शिवराज सरकार आदिवासियों के दमन और उत्पीड़न के अपने अभियान से पीछे नहीं हट रही है।

शिवराज सरकार में कभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता तो कभी सत्ता की शह पर सरकारी अमला आदिवासियों की हत्या कर रहा है। प्रदेश पहले ही शिवराज सरकार में आदिवासी अत्याचार में देश में पहले स्थान पर पहुंच चुका है। आदिवासियों पर सरकारी संरक्षण में अत्याचार करने के बाद सरकार जांच और मुआवजे का पाखंड कर रही है। सरकार मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे।

आदिवासियों के नाम पर झूठे तमाशे करने वाली शिवराज सरकार क्या यह बताएगी कि आखिर क्या वजह है कि चाहे नेमावर हो मंदसौर हो या विदिशा हो, हर बार आदिवासियों पर अत्याचार क्यों हो रहा है? मुख्यमंत्री को तुरंत इस घटना के लिए आदिवासी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।

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