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मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में कुछ नतीजे चौंकाने वाले हैं तो कुछ अचरज में डालने वाले। 21 साल की युवती से लेकर पैडवुमन माया विश्वकर्मा भी सरपंच चुनी गई हैं।
मध्य प्रदेश के आलीराजपुर में एक साथ तीन महिलाओं के साथ फेरे लेने वाले नानपुर के पूर्व सरपंच समरथ मौर्य की एक पत्नी सकरी मौर्य सरपंच बन गई हैं। दूसरी पत्नी मेला ने पंच का चुनाव जीता है। समरथ तीनों के साथ पहले से लिव-इन में रह रहे थे। सामाजिक रीति-रिवाज की वजह से तीनों से एक साथ विवाह कर चर्चा में आए थे। इस बार उनके गांव में सरपंच का पद महिलाओं के लिए रिजर्व था।
खरगोन में शालू बनीं सरपंच
खरगोन जिले के कसरावद जनपद की ग्राम पंचायत औझरा में टांडा गांव से 21 साल की शालू पिता शेरसिंह नायक पहली महिला सरपंच बनी हैं। औझरा पंचायत की वह पहली बंजारा नायक समाज की सरपंच भी बनी हैं। शालू आठवीं तक पढ़ी हैं। चार साल से खेती में हाथ बंटा रही थीं। उसने अपने वोट का इस्तेमाल पहली बार किया है।
काजल श्योपुर की सबसे युवा सरपंच
21 साल की काजल धाकड़ श्योपुर जिले की सबसे युवा सरपंच बनी हैं। काजल विजयपुर की ग्राम पंचायत बड़ौदाकलां की सरपंच चुनी गई है। काजल बीएससी नर्सिंग कर रही थी, लेकिन गांव में पानी की समस्या को दूर करने के लिए सरपंच बनने की ठानी और जीती। अब सरपंच बनकर अन्य समस्याएं भी हल करना चाहती हैं।
अमेरिका रिटर्न बनीं सरपंच
नरसिंहपुर की ग्राम पंचायत मेहरागांव में माया विश्वकर्मा निर्विरोध सरपंच बनी हैं। माया ने 2008 में पीएचडी की थी। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को से ब्लड कैंसर पर रिसर्च करने वाली माया अमेरिका में अच्छी जिंदगी जी रही थीं। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं की समस्या देखकर हाईजीन पैड की मुहिम चलाई। उन्हें पैडवुमन के नाम से जाना जाता है।