मध्य प्रदेश

याचिका खारिज पर हाईकोर्ट ने कहा- 'बोरबेल का असफल होना भ्रष्टाचार नहीं, भूमि जल की प्राप्ति अवसर की बात'

Deepa Sahu
5 Jan 2022 2:05 PM GMT
याचिका खारिज पर हाईकोर्ट ने कहा- बोरबेल का असफल होना भ्रष्टाचार नहीं, भूमि जल की प्राप्ति अवसर की बात
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बोरवेल से पानी नहीं निकलने को भ्रष्टाचार बताकर शिकायत की गई,

बोरवेल से पानी नहीं निकलने को भ्रष्टाचार बताकर शिकायत की गई, जब उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट में याचिका लगा दी गई। अब कोर्ट ने भी इसे भ्रष्टाचार मानने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ता बालचंद्र शिंदे की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि बुरहानपुर में पानी की भारी किल्लत है। पानी की उपलब्धि के लिए बोरबेल खोदने का ठेका अनावेदन मेसर्स सागर को दिया गया था। ठेकेदार द्वारा जितने भी बोरबेल खोदे गए, अधिकांश जगह पर पानी नहीं निकला और कुछ स्थानों में बहुत कम मात्रा में पानी निकला। उपकरणों के माध्यम से भूमिगत जल स्रोत का पता लगाकर बोरबेल की खुदाई की जाती है। बोरबेल खुदाई में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत उसके द्वारा लोकायुक्त में की गई थी। लोकायुक्त द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किए जाने के खिलाफ उक्त याचिका दायर की गई थी।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस पुष्पेन्द्र कौरव की युगलपीठ ने याचिका को सुना और इसे खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि भूमि जल की प्राप्ति अवसर की बात है। बोरबेल के असफल होने को भ्रष्टाचार नहीं माना जा सकता है। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने रखा।
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