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झाँसी न्यूज़: गोवंशों की संख्या बढ़ाकर भूस खरीद में खासी दलाली पचाने वाले तत्कालीन प्रभारी मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. सुरेश पांडेय का तीन लाख रुपये रिश्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भले ही स्थानांतरण सोनभद्र हो गया हो लेकिन इससे उनकी मुसीबतें अभी तक कम नहीं हुई. अपर निदेशक की जांच आख्या के क्रम में शासन के कदम उठाने की संभावना जतायी जा रही है.
तत्कालीन मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. सुरेश कुमार पांडेय की दो रिपोर्ट में गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों की अलग-अलग संख्या ने बवाल मचा दिया था. लगभग पंद्रह सौ गोवंश के लापता होने संबंधी खबरें मीडिया में छायी रही. विभागीय अधिकारी अभी इन खबरों का जवाब अभी दे भी नहीं सके थे कि अनुबंध की शर्तों में ढील के नाम पर तीन लाख रुपये रिश्वत लेते उनका वीडियो भी वायरल हुआ था. जिसकी वजह से प्रशासन, शासन व भाजपा सरकार की जबरदस्त किरकिरी हुई थी. इस रिश्वतकांड में अन्य अधिकारियों को भी लपेटा जाने लगा. इस वीडियो ने मोदी व योगी के जीरो टॉलरेंस पर राजनीतिक व्यक्तियों को तंज कसने का मौका दे दिया. हरकत में आए निदेशालय पशुपालन विभाग लखनऊ ने अपर निदेशक पशुपालन झांसी मंडल झांसी डा. देवेंद्र गुप्ता को मामले की जांच सौंप आख्या भेजने के निर्देश दिए. इस क्रम में अपर निदेशक पशुपालन झांसी मंडल ने निरीक्षण कर जांच आख्या निदेशालय भेज दी.
जिला स्तरीय संयुक्त टीम भी सौंपेगी जांच रिपोर्ट
अमझरा गोशाला में गोवंशों की संख्या अधिक व कम दर्शाने तथा तीन लाख रुपये रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने के बाद डीएम आलोक सिंह के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी ने पशु चिकित्साधिकारी डा. विजय यादव व तहसीलदार पाली को जांच के निर्देश दिए थे.
27 गोशालाओं में गोवंशों की गणना जारी
पशुपालन विभाग की देखरेख में संचालित 27 गोवंश आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंशों की गणना का काम चल रहा है. बड़ा अन्तर मिलने पर कार्रवाई होगी.