मध्य प्रदेश

नदी की कितनी लंबाई ये ही तय नहीं कर पा रहे अफसर

Admin Delhi 1
24 Dec 2022 8:14 AM GMT
नदी की कितनी लंबाई ये ही तय नहीं कर पा रहे अफसर
x

इंदौर न्यूज़: कान्ह-सरस्वती नदी की सफाई पर नगर निगम ने 15 सालों में 1157 करोड़ रुपए खर्चा कर दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उसे दूषित घोषित कर दिया है. इतनी राशि खर्चा होने के बाद में भी इसकी सफाई नहीं होने का मूल कारण इसकी लंबाई कितनी है इसको लेकर सरकारी दफ्तर ही एक राय नहीं हो पा रहे हैं. जिसके कारण इसकी सफाई सही तरह से नहीं हो पा रही है.

कान्ह और सरस्वती दोनों नदियों की शुरूआत इंदौर में से ही होती है. जो कि बाद में मिलकर आगे शिप्रा में कान्ह के रूप में मिलती हैं. इन दोनों ही नदियों की कुल कितनी लंबाई है, ये ही तय नहीं किया जा सका है. इंदौर में बरसात के पानी को इकट्ठा कर पानी की व्यवस्था करने वाली नदियों का पूरा सिस्टम है. इनमें पहले स्तर पर वो छोटे-छोटी अतिरिक्त जल प्रवाह हैं जो शहर के जलाशयों और नदियों तक बरसात का पानी लाते हैं, उनसे जुड़कर बनने वाली सहायक नदी दूसरे स्तर पर हैं और इन सहायक नदियों से बनने वाली 10 उपनदियां तीसरे स्तर पर है. वहीं इनके अलावा मूल सरस्वती नदी चौथे स्तर पर रखी जाती हैं. इन सभी की लंबाई इंदौर के वर्तमान मास्टर प्लान में 739.75 किलोमीटर से भी ज्यादा मानी गई है. वहीं राज्य सरकार जो नया मास्टर प्लान तैयार कर रही है, उसमें इसकी लंबाई में 525.518 किलोमीटर को और जोड़ दिया गया है. जिसके बाद इसकी कुल लंबाई 1265.272 किलोमीटर के लगभग हो गई है. जबकि इंदौर नगर निगम इसकी लंबाई 353.05 किलोमीटर मानता है. जिसमें से केवल 165 किलोमीटर के हिस्से पर ही काम किया जा रहा है. ऐसे में नदी में साफ पानी लाना ही सबसे बड़ी चुनौती है. जिसके चलते नदी को साफ करने के सभी प्रयास लगातार असफल हो रहे हैं. नगर निगम के अफसर केवल बड़ी नदियों के कुछ हिस्से पर तो ध्यान दे रहे हैं, लेकिन कान्ह-सरस्वती को जिंदा रखने और उनमें पूरे साल पानी लाने वाले हिस्सों को नजरअंदाज किया जा रहा है. जिसके कारण नदी की 15 सालों में 1157 करोड़ की राशि खर्चा होने के बाद में भी सफाई नहीं हो पा रही है.

Next Story