मध्य प्रदेश

ओबीसी वोटर्स की होगी गोलबंदी

Admin Delhi 1
6 Oct 2023 5:59 AM GMT
ओबीसी वोटर्स की होगी गोलबंदी
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ओबीसी वर्ग को साधने अपने-अपने दांव

भोपाल: बिहार में जातीय जनगणना के कदम के बाद विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े मध्यप्रदेश में भी जातीय सियासत का उबाल आ गया है. आने वाले दिनों में भाजपा-कांग्रेस अब ओबीसी वर्ग को साधने के लिए दांव चलेंगे. वजह ये कि मध्यप्रदेश में ओबीसी लगभग 52% हैं, इसलिए इनकी धुरी पर ही चुनाव घूमना है. दोनों दल इस मुद्दे पर पहले भी आमने-सामने होते रहे हैं. भाजपा सरकार ने आयोग बनाकर रिपोर्ट जमा की थी, जिसमें 35 फीसदी ओबीसी आरक्षण मांगा गया था. अब वापस जातीय जनगणना का मुद्दा गर्माने के बाद चुनाव की धूरी ओबीसी वर्ग हो सकता है.

ओबीसी पर यूं शिफ्ट हो रहे आसन्न चुनाव

1. राहुल गांधी ने कालापीपल-शाजापुर में ओबीसी वर्ग पर फोकस किया. इससे कांग्रेस पार्टी की आगे की गाइडलाइन तय हुई.

2.भाजपा ने भी मोदी-शाह की गाइडलाइन के तहत ओबीसीव एसटी-एससी पर फोकसकरके ही काम शुरू किया है.

3.महिला आरक्षण बिल में भाजपा नेता उमा भारती ने ओबीसी महिलाओं के आरक्षण केमुद्दे पर जागरूकता और आंदोलन का रुख लिया.

सबसे अहम तथ्य

सरकार ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग गठित कर अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन को बनाया. आयोग ने 52% ओबीसी आबादी, 48% ओबीसी मतदाता की रिपोर्ट दी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 35% ओबीसी आरक्षण मांगा. कोर्ट ने आरक्षण मंजूर किया था, लेकिन बाध्यता थी कि कुल आरक्षण 50% से ज्यादा न हो. इसलिए 14% आरक्षण मिला. अब महिला आरक्षण बिल में ओबीसी शामिल करने पर सियासी दांव-पेंच शुरू हो गए हैं.

अभी ऐसा है आरक्षण

16% अजा के लिए

20% अजजा के लिए

14% ओबीसी को (27% मांग)

10% सवर्ण गरीब वर्ग को(चुनाव में नहीं)

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