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अब बनेगा कृष्ण मंदिर, अजब- गजब : एमपी के इस गांव में 23 लाख में नीलाम हुआ सरपंच का पद
गुना जिले की लालोनी ग्राम पंचायत में सरपंच चुनने का एक अजब-गजब मामला सामने आया है. यहां सरपंच पद के दावेदारों के लिए ग्रामीणों ने नीलामी रखी. इसमें दो दावेदार सामने आए. जिसने सबसे ज्यादा बोली लगायी उसे गांव वालों ने अपना सरपंच चुन लिया. बात अभी पूरी नहीं हुई. सरपंच पद के लिए लगी बोली में जो पैसे मिले उससे गांव में सबसे पहले एक मंदिर और फिर बाकी विकास कार्य किए जाएंगे.
मध्य प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में अजब गजब और दिलचस्प किस्से सामने आ रहे हैं. गुना जिले की लालोनी ग्राम पंचायत में कांतिबाई मीणा निर्विरोध सरपंच चुन ली गयीं. लेकिन निर्वाचन की एक शर्त थी. गांव वालों ने उन्हें आम सहमति से नहीं चुना बल्कि सरपंच पद की बोली उन्होंने लगवाई. कांति वाई ने 23 लाख की बोली लगायी और पद उनके खाते में चला गया. दूसरे नंबर पर श्यामबाई ने 22 लाख की बोली लगायी थी लेकिन वो हार गयीं.
ये है कहानी
अब सुनिए पूरी कहानी. दरअसल लालोनी ग्राम पंचायत में गांव में गोवर्धन (कृष्ण) भगवान का मंदिर बनाया जाना है. गांव वाले चाहते थे मंदिर का निर्माण भी हो जाए और बिना चुनाव के सरपंच भी चुन लिया जाए. सरपंच पद के लिए दो महिला उम्मीदवार कांति और श्यामा मैदान में थीं. ग्रामीणों ने तय किया कि जो भी प्रत्याशी मंदिर के लिए ज्यादा रुपए देगा उसे चुन लिया जाएगा और हुआ भी ऐसा ही.
पिंक पंचायत
पंचायत बैठी और कृष्ण मंदिर के निर्माण के लिए सरपंच पद की प्रत्याशी कांतिबाई मीणा ( 69 ) ने सबसे बड़ी बोली लगाई. महज एक लाख रुपए के अंतर से श्यामा सरपंच बनने से चूक गईं. इसके बाद गांववालों ने कांति को निर्विरोध सरपंच चुन लिया. इसके साथ ही 13 पंच पदों पर भी महिलाओं को निर्विरोध चुना गया. ग्राम पंचायत के निर्विरोध चुने जाने के साथ ही यह पूरी महिला पंचायत होने के कारण पिंक पंचायत बन गई. निर्विरोध चुने जाने पर पंचायत को 15 लाख रुपए भी मिलेंगे.
पूरी पंचायत निर्विरोध
गुना से लगभग 45 किमी बमोरी की लालोनी ग्राम पंचायत में 1320 मतदाता हैं. इस बार यहां सरपंच पद OBC महिला के लिए आरक्षित है. 13 पंच पदों में से 3 आदिवासी और 10 OBC के लिए आरक्षित थे. लालोनी पंचायत में मंदिर बनाने के लिए नीलामी में दो महिलाओं के परिवार शामिल हुए थे. ज्यादा बोली लगाने वाले प्रत्याशी को सरपंच चुन लिया गया. बाकी सभी ने फॉर्म जमा ही नहीं किए.
पूर्व सरपंच ने बनाई थी पूरी रणनीति
गांव के पूर्व सरपंच हरगोविंद मीणा ने बताया कि वह काफी लंबे समय से गांव के सरपंच रहे हैं. उन्हें मालूम है कि गांव में क्या विकास होना है. सभी गांववालों की ओर से गोवर्धन(कृष्ण) भगवान के मंदिर का निर्माण करने की मांग है. मंदिर का काम आगे बढ़ाने के लिए पूरे गांव को इकट्ठा किया गया. वहां सभी लोगों ने विचार विमर्श कर मंदिर निर्माण और निर्विरोध सरपंच चुनना तय किया.
5 बीघा में बनेगा मंदिर
हरगोविंद मीणा ने बताया कि मंदिर का प्रोजेक्ट काफी बड़ा है. नीलामी में मिले इन 23 लाख रुपए से मंदिर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. लगभग 5 बीघा में मंदिर बनेगा. इसके लिए जमीन भी मिल गई है. निर्विरोध और महिला पंच सरपंच चुने जाने पर पंचायत को जो 15 लाख रुपए मिलेंगे, वह भी मंदिर में सीसी रोड बनाने में लगा देंगे. अभी तक 38 लाख रुपए हो गए हैं. बाकी पैसा समाज के और लोगों से इकट्ठा किया जाएगा. साढ़े तीन बीघा में मंदिर बाकी डेढ़ बीघा में गोशाला का निर्माण होगा. मंदिर निर्माण में एक करोड़ रुपए खर्च होंगे.
सड़क और पेयजल का संकट
जब गांव का मुआयना किया तो वहां सड़क की सबसे बड़ी समस्या नजर आई. गांव के अंदर की सड़कें सभी कच्ची थीं. सीसी रोड भी नहीं बनी थी. इन कच्ची सड़कों पर पानी बह रहा था, जिससे चारों तरफ कीचड़ फैला हुआ था. गांव में पेयजल की भी बड़ी समस्या है. कुछ बोरिंग हैं, जिनसे हर महीने पैसा देकर लोग पानी लेते हैं. ट्यूबवेल से घरों तक पाइपों के जरिए पानी लाया जाता है. नयी सरपंच चुनी गईं कांतिबाई ने बताया कि पेयजल और सीसी रोड बनाने का काम सबसे पहले उन्हें करना है.
पिंक पंचायत की पंच-सरपंच
कांतिबाई मीना- सरपंच
सावित्री अहिरवार – पंच वार्ड 1
सुमन मीना- पंच वार्ड 2,
रामी मीना- पंच वार्ड 3
सीता मीना- पंच वार्ड 4
मांगी मीना- पंच वार्ड 5
सुनीता मीना- पंच वार्ड 6,
ममता मीना पंच वार्ड 7
अनिता किरार – पंच वार्ड 8
ममता मीना- पंच वार्ड 9
प्रेम मीना पंच वार्ड 10
पाना सहरिया – पंच वार्ड 11
अनीता सहरिया – पंच वार्ड 12
और संगीता मीना- पंच वार्ड 13