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सुरक्षा के लिए चौकीदार तक नहीं, सरकारी स्कूलों में टॉयलेट, लैब-लाइब्रेरी नहीं

कलियासोत ब्रिज की रिटेनिंग वॉल और सड़क धंसने की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) करेगा। EOW ब्रिज बनाने वाले मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) को नोटिस जारी करने की तैयारी में है। अफसरों से पूछा जाएगा कि डिजाइन गलत थी तो इंजीनियरों ने उस पर तब आपत्ति क्यों नहीं ली? बिना देखे कंपनी को भुगतान क्यों किया गया? गलत डिजाइन के लिए कौन जिम्मेदार है? पहले भी इसी CDS कंपनी के सिंगारचोली ब्रिज में खामियां मिली थीं, उसकी अनदेखी क्यों की गई? डिजाइन गलत थी तो आगे का काम क्यों नहीं रोका गया?
जांच एजेंसी के इंजीनियर देखेंगे ब्रिज की तकनीकी खामियां
EOW के इंजीनियर मौके पर जाकर काम की क्वालिटी परखेंगे और ये देखेंगे कि क्या एग्रीमेंट की शर्तों के अनुरूप ही ब्रिज की अप्रोच रोड और रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया गया था? इंजीनियरों ने डिजाइन बनाते वक्त इस बात का ध्यान क्यों नहीं रखा कि पानी के बहाव में रिटेनिंग वॉल बहने से पूरी सड़क धंस सकती है।
कंपनी की सफाई- एक साथ 13 गेट खोले, इसलिए गिरी रिटेनिंग वॉल
CDS इंडिया के डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर केएस धामी का कहना है कि डिजाइन में गलती नहीं थी। भदभदा डैम के एक साथ 13 गेट खोले जाने से पानी का बहाव ज्यादा हो गया। पानी नींव में चला गया और मिट्टी नम हो गई। इसी वजह से रिटेनिंग वॉल बह गई और सड़क धंस गई।
जांच में गड़बड़ी के सबूत मिलते ही दर्ज होगी FIR
EOW अधिकारियों ने ये भी साफ कर दिया है कि पुल की दीवार धंसने के मामले में प्रथम दृष्टया आर्थिक अनियमितता के अलावा आपराधिक लापरवाही का मामला भी बनता दिख रहा है। इस मामले में कानूनी सलाह लेकर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
सड़क धंसने पर कांग्रेस ने मांगा शिवराज का इस्तीफा
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कलियासोत ब्रिज की सड़क धंसने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफे की मांग की है। मिश्रा का कहना है कि जिस मप्र सड़क विकास निगम ने इस सड़क और पुल का निर्माण करवाया है, उसके चेयरमैन तो खुद शिवराज सिंह चौहान हैं। ऐसे में इंजीनियरों ने ऐसी जानलेवा लापरवाही कैसे बरती? मिश्रा ने सवाल उठाया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का क्या यही प्रमाण है? क्या इस पुल के निर्माण के वक्त MPRDC के सभी इंजीनियर, एमडी और चीफ इंजीनियर सहित इस निर्माण को सर्टिफाई करने वाले अधिकारियों के नाम और उनकी भूमिका को सरकार सार्वजनिक करेगी