मध्य प्रदेश

शहर में शामिल 29 गांवों में 9 साल बाद भी न सड़क

Admin Delhi 1
7 Aug 2023 10:58 AM GMT
शहर में शामिल 29 गांवों में 9 साल बाद भी न सड़क
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इंदौर: इंदौर की शहरी सीमा का विस्तार सबसे पहले 1975 में हुआ। पहले 11 गांव जोड़े। इसके बाद 2014 में 29 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया। इसके साथ वार्डों की संख्या 69 से बढ़कर 85 हो गई। अफसोस! 9 साल से निगम का हिस्सा बने इन 29 गांवों में आज भी जनसुविधाएं पूरी तरह नहीं पहुंच पाईं, जबकि निगम के राजस्व में इनकी करीब 10% यानी करीब 70 करोड़ की हिस्सेदारी है।

10 पार्षद, 5 विधायकों के क्षेत्र में आने वाले इन गांवों की आबादी करीब 5 लाख तो मतदाता 2.60 लाख हैं। इन क्षेत्रों में 300 से ज्यादा टाउनशिप-कॉलोनियां हैं। 2014 से दो बार विधानसभा, नगर निगम और लोकसभा के चुनाव हो चुके। विधानसभा के तीसरे चुनाव इस साल हैं। हर बार नेता वोट लेने आए, विकास के कई वादे करके गए। इसके बावजूद आज भी ये क्षेत्र नर्मदा का पानी, लोक परिवाहन, बिजली का नेटवर्क, ड्रेनेज लाइन, कनेक्टिंग सड़कें और पुलिस सुरक्षा के लिए तरस रहे हैं। आश्चर्य तो यह है कि छह साल से शहर सफाई में नंबर 1 है, लेकिन इन गांवों में सफाई का व्यवस्थित सिस्टम नहीं है।

70 करोड़ रुपए टैक्स दे रहे, 2014 में ये गांव निगम सीमा में आए, 2 चुनाव बीते, हर बार नेता वोट लेने आए, वादे करके गए, पर कोई भी बुनियादी सुविधा नहीं मिली

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