मध्य प्रदेश

डार्क वेब से अमरीकियों की जानकारी जुटाकर करते थे ब्लैकमेल

Admin Delhi 1
24 April 2023 11:23 AM GMT
डार्क वेब से अमरीकियों की जानकारी जुटाकर करते थे ब्लैकमेल
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इंदौर न्यूज़: एडवाइजरी रैकेट के जरिए 13 करोड़ अमरीकी डॉलर यानी लगभर 1 हजार करोड़ रुपए की ठगी करने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक मेहुल पाटिल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद जस्टिस विजय कुमार शुक्ला ने जमानत अर्जी खारिज कर दी.

पिछले दो साल में यह चौथा मौका है, जब आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की गई है. इंदौर के एक कॉल सेंटर में हुई छापामार कार्रवाई से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले रैकेट के संचालित होने की जानकारी मिली थी. सेंटर के कर्मचारी अमरीकी नागरिकों को फोन पर ब्लैकमेल करते थे कि वे ड्रग ट्रैफिकिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आपराधिक मामलों में शामिल हैं. उनके पास 10 लाख अमरीकी नागरिकों का डेटा मिला. इसी रैकेट से जुड़े मेहुल पाटिल के खिलाफ जून 2020 में आइपीसी की धारा (एस) 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 के तहत केस दर्ज किया गया था. मेहुल की ओर से पहले भी तीन बार जमानत याचिका लगाई जा चुकी थी.

चौथी जमानत याचिका पर शासन की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट विशाल सनोठिया ने कोर्ट में जानकारी दी कि पाटिल के खिलाफ 2018 का एक ऐसा ही मामला है और वह आदतन अपराधी है. आरोपी ने बड़ी रकम डॉलर में ली है. आवेदक की भूमिका एक क्लोजर के रूप में बताई गई है कि वह सह-आरोपी करण भाटी और मुख्य आरोपी रवि रामी के साथ विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में परिवर्तित करता था.

दोनों पक्षों के वकील को सुनने के बाद और वर्तमान आवेदक की भूमिका को ध्यान में रखते हुए आवेदक की आवाज के नमूने को सत्यापित किया गया. इसके बाद हाल ही में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी करण भाटी और रवि रामी के साथ किए गए 287 कॉल की डिटेल अब तक नहीं मिली है. कोर्ट ने तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी.

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