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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय नंदमेर के खाते में रिश्वत के नाम पर तीन लाख रू डाले जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। डॉक्टर विजय का तर्क है कि उनके खाते में कब और किसने पैसे डाले, उन्हें पता ही नहीं। अब इस मामले की शिकायत उन्होने साइबर सेल को की है।
आपके बैंक खाते में कोई पैसे जमा कर जाए और आपको पता ही नहीं चले, आज के डिजिटल युग में यह संभव ही नहीं। आपके द्वारा बैंक में नोट कराए गए मोबाइल नंबर पर तत्काल मैसेज आता है। लेकिन भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर विजय नंदमेर शायद इसके अपवाद है।डॉक्टर साहब का कहना है कि उनके ऊपर जो बैंक अकाउंट में रिश्वत लेने का आरोप लग रहा है, वह गलत है और दरअसल जिस ठेकेदार को उन्होंने सर्जिकल उपकरण आपूर्ति का ठेका नहीं दिया, उसने नाराज होकर उनके बैंक खाते में पैसे जमा कर दिये है। डॉक्टर साहब को इस बात की जानकारी तब मिली जब वह रिटर्न भरने के लिए सीए के पास गए और सीए ने जमा हुए पैसों के बारे में पूछा। हैरत की बात यह है कि पैसे एक बार में नहीं बल्कि 6 बार अलग-अलग जमा कराए गए और डॉक्टर साहब को पता ही नहीं चल पाया।डॉक्टर साहब ने तो ठेकेदार पर यह भी आरोप लगा दिया कि वह आदतन अपराधी है, हत्या के तीन मामलों में दोषी है और अब उनका मर्डर करने की धमकी दे रहा है। डॉक्टर साहब ने इस पूरे मामले की शिकायत पर कोहेफिजा थाने सहित साइबर सेल में भी की है। लेकिन डॉक्टर साहब ने यह सारी कवायद तब की है जब ठेकेदार द्वारा उनकी शिकायत पहले ही लोकायुक्त और यू डब्ल्यू को की जा चुकी है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस मामले में डॉक्टर के ऊपर कठोर कार्रवाई करने की बात कह चुकी है। लेकिन अब इस मामले में यह नया मोड़ आया है और देखना यह है कि कब तक दूध का दूध और पानी का पानी होता है।
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