मध्य प्रदेश

पिता-पुत्री की हत्या करने मामले में पड़ोसन हुई गिरफ्तार, दो महीने बाद पुलिस ने ऐसे पकड़ा

Shantanu Roy
12 Feb 2022 12:10 PM GMT
पिता-पुत्री की हत्या करने मामले में पड़ोसन हुई गिरफ्तार, दो महीने बाद पुलिस ने ऐसे पकड़ा
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खौफनाक वारदात

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बुरहानपुर। शाहपुर थाना क्षेत्र के इच्छापुर में गत 23 दिसंबर को हुई 17 माह की मासूम खुशी पिता दिलीप बोदड़े की हत्या का खुलासा शनिवार को पुलिस ने कर दिया। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाली पड़ोसी महिला अलका मराठा थी। घटनाक्रम की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि शादीशुदा अलका मराठा के पड़ोसी युवक नितिन महाजन से अवैध संबंध थे। नितिन से उसे एक बेटी भी थी। पड़ोसी होने के नाते नितिन खुशी से भी लाड़-दुलार करता था। जिस कारण अलका को शक था कि नितिन के खुशी की मां मंगला से भी अवैध संबंध हैं और खुशी उसी की बेटी है।

इस बात को लेकर अलका और नितिन के बीच काफी समय से विवाद भी हो रहे थे। शक और जलन की भावना के कारण अलका 23 दिसंबर को सुबह करीब 11 बजे घर के पास खेल रही खुशी को अपने घर ले गई और साड़ी से उसका गला घोंट दिया। इसके बाद उसे बोरी में भरकर घर के पास स्थित सूखे कुएं में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपित अलका मराठा के खिलाफ अपहरण और हत्या की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।डीएनए और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के कारण हुई देरी

पुलिस ने घटना के दो दिन बाद 25 दिसंबर को खुशी का शव बरामद कर लिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टरों ने गला घोंटकर हत्या तो स्पष्ट रूप से दर्शाई थी, लेकिन मासूम से दुष्कर्म को लेकर संशय की स्थिति बताई थी। जिस कारण उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था। इसके अलावा खुशी वास्तव में किसकी बेटी है इसकी पुष्टि के लिए डीएनए जांच के लिए भी सैंपल भेजा गया था। ये दोनों रिपोर्ट देरी से मिलने के कारण हत्याकांड के खुलासे में पचास दिन लग गए। फोरेंसिक जांच में मासूम से दुष्कर्म नहीं होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने दुष्कर्म की धारा हटा ली है।
पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया
आरोपित अलका मराठा हत्या करने के बाद से पुलिस उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी और पुलिस को लगातार गुमराह करने का प्रयास कर रही थी। शव मिलने के बाद जब पुलिस मौके पर पड़ताल करने पहुंची तो अलका ने पुलिस को बताया कि शहद बेचने वाली महिलाएं आई थीं। उनके द्वारा अपहरण किया जा सकता है। पुलिस उन महिलाओं को तलाशने में जुट गई। काफी मशक्कत के बाद उन्हें ढूंढ भी निकाला, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उसने रितेश उर्फ गोलू बोदड़े के नाम की चिट्ठियां लिखकर फेंकना शुरू किया, ताकि पुलिस का शक उस पर चला जाए। अंत में पुलिस को अलका पर संदेह हुआ और सख्ती से पूछताछ शुरू की तो उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया।
इनकी रही अहम भूमिका
खुशी हत्याकांड के खुलासे में थाना प्रभारी शाहपुर गिरवरसिंह जिलोदिया, उपनिरीक्षक हेमेंद्र चौहान, आरएल तिवारी, अर्चना चौहान, आरक्षक राजेश रावत, दुर्गेश पटेल, महिला आरक्षक शाहबाई मौर्य की अहम भूमिका रही है। पुलिस अलका द्वारा फेंकी गई चिटि्ठयों की हैंडराइटिंग जांच भी करा रही है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त साड़ी के साथ ही अलका व नितिन के मोबाइल भी जब्त किए हैं।
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