मध्य प्रदेश

नगर निगम की लापरवाही, अफसरों की अनदेखी से ठेकदार कर रहे शर्तों का उल्लंघन

Admin Delhi 1
30 Jan 2023 9:48 AM GMT
नगर निगम की लापरवाही, अफसरों की अनदेखी से ठेकदार कर रहे शर्तों का उल्लंघन
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इंदौर न्यूज़: शहर में सीवरेज लाइन के चक्कर में बीते 7 सालों में 5 लोगों की जान जा चुकी है. बावजूद इसके नगर निगम अफसर किसी तरह की सावधानी बरतने को तैयार नहीं हैं. खुदाई के दौरान और उस वक्त आसपास किसी तरह की सुरक्षा का इंतजाम किए बगैर ही हर बार खुदाई शुरू कर दी जाती है. निगम जब भी कोई काम करवाता है तो उसके लिए टेंडर लेने वाली फर्म और उसके बीच अनुबंध होता है. अनुबंध में दो प्रमुख शर्तों का उल्लेख होता है. पहली शर्त जब भी कोई काम किया जाएगा, उस समय गहरी खुदाई के दौरान कर्मचारी सभी तरह के सुरक्षा उपकरणों से लैस रहेंगे. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ठेकेदार की रहेगी. दूसरी शर्त यह है कि जो भी काम होगा वह निगम इंजीनियरों की देखरेख में होगा. इन दोनों शर्तों की अनदेखी की जा रही है.

16 फरवरी 2016 को रामबाग में सीवरेज लाइन डालने के दौरान नर्मदा लाइन धंसने और उसमें एक मजदूर की मौत के बाद सुरक्षा उपकरणों का पालन कराना निगम ने अनिवार्य कर दिया था. ये भी साफ किया था कि नियमों का पालन नहीं करने वाले ठेकेदार पर सीधे कार्रवाई कर उसे ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा. किसी भी जगह खुदाई के समय ठेेकेदार मजदूरों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते. हुई घटना में भी ठेकेदार फर्म अमय इंटरप्राइजेस ने मजदूरों को सुरक्षा उपकरणों के नाम पर केवल गम बुट और हेलमेट ही उपलब्ध कराए गए थे, जबकि बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट के तहत किसी भी तरह के निर्माण काम के दौरान यदि किसी तरह का जोखिम होता है तो सुरक्षा के लिए सभी प्रबंध करना जरूरी है.

निगम इंजीनियर भी कठघरे में

निगम शर्तों के मुताबिक इतने बड़े काम के दौरान निगम इंजीनियर की उपस्थिति में ही काम होना चाहिए था. वार्ड 55 में निगम के सब इंजीनियर चंदन सिंह नियुक्त हैं. उन्हें ही तय करना था कि मजदूरों को सभी तरह के सुरक्षा साधन उपलब्ध कराए गए हैं या नहीं. यदि वे मौके पर नहीं थे तो उनकी अनुपस्थिति में काम कैसे हो रहा था. यदि वह मौजूद थे तो बगैर सुरक्षा उपकरणों के कर्मचारी काम कैसे कर रहे थे. यह भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है?

इतनी हो चुकीं मौतें

एक्सपर्ट कमेंट

ठेकेदार और अफसरों पर बनता है सीधा केस

किसी भी तरह के निर्माण काम के दौरान काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए ही बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट बनाया गया है. इसमें सुरक्षा में कमी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तय की गई है. साथ ही सजा का भी प्रावधान है. सुरक्षा में लापरवाही बरतना सीधे-सीधे गैरइरादतन हत्या का प्रकरण है. यदि कहीं पर काम हो रहा है तो उसकी मॉनिटरिंग के लिए भी निगम की जिम्मेदारी बनती है. इसके लिए जो जिम्मेदार अफसर हैं, वे भी मामले में षड्यंत्र में शामिल होने के आरोपी बनते हैं. उन पर भी इसके तहत कार्रवाई होना चाहिए.- गिरीश पटवर्धन, पूर्व अध्यक्ष, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन

नहीं बनी कमेटी:

हुई घटना के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की थी. घटना हुए दो दिन का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक कमेटी के सदस्यों के नाम की घोषणा नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि महापौर इसके लिए नाम ही तय नहीं कर पा रहे हैं. अब को कमेटी के सदस्यों के नाम की घोषणा होने की बात कही जा रही है.

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