मध्य प्रदेश

बचाव सामग्री लेकर एनडीआरएफ की टीम भी निकली

Admin4
13 Aug 2022 10:58 AM GMT
बचाव सामग्री लेकर एनडीआरएफ की टीम भी निकली
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

धार के कारम नदी पर बने बांध को फूटने से बचाने के लिए सेना रवाना हो गई है। 200 जवानों में 40 इंजीनियरिंग विंग के जवान और अधिकारी शामिल है। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमों को भी रवाना किया गया।

धार के कारम नदी पर बने बांध को फूटने से बचाने के लिए सेना रवाना हो गई है। 200 जवानों में 40 इंजीनियरिंग विंग के जवान और अधिकारी शामिल है। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमों को भी रवाना किया गया।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि धार के कारम बांध साइट के लिए 5 कॉलम आर्मी के रवाना हो गए हैं। इनमें 1 कॉलम इंजीनियरिंग का है। प्रत्येक कॉलम में लगभग 40 जवान हैं। वहीं, एनडीआरएफ की 3 अतिरिक्त टीम 1 भोपाल, 1 वड़ोदरा, 1 सूरत से बचाव सामग्री के साथ दिल्ली से धमनोद के लिए रवाना की जा रही हैं। प्रत्येक एनडीआरएफ टीम में 30-35 प्रशिक्षित बचाव कर्मी है। वहीं, एसडीईआरएफ के 8 अतिरिक्त दल (प्रत्येक में 10-12 सदस्य) भी प्रदेश के अन्य जिलों से और भोपाल से डीजी एचजी रिजर्व से रवाना कर दिए गए हैं। एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर अभी स्टैंडबाय पर रखे हैं। इंदौर संभाग और धार जिले के सभी सम्बंधित उच्च अधिकारी रात में धामनोद और बांध साइट पर ही रुकेंगे और बचाव कार्य का कार्य सतत निगरानी करेंगे।

धार जिले की धरमपुरी तहसील के ग्राम कोठीदा भारुडपुरा में करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे निर्माणाधीन बांध में पहली ही बारिश में रिसाव शुरू हो गया है। कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के बांध के दाएं हिस्से में 500-530 के मध्य डाउन स्ट्रीम की मिट्टी फिसलने से बांध को खतरा पैदा हुआ था। इस बांध की लंबाई 590 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है। वर्तमान में इसमें 15 एमसीएम पानी इस बांध में जमा है। लीकेज की खबर मिलते ही इंदौर के आईजी और कमिश्नर तथा धार व खरगोन के कलेक्टर और एसपी घटनास्थल पर पहुंचे।

एहतियात के तौर पर धार जिले के 12 और खरगोन के छह गांवों को खाली कराया गया है। राहत शिविर बनाकर उसमें लोगों को शिफ्ट किया है। एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीमें तैनात की गई है।

आगरा-मुंबई नेशनल राजमार्ग-तीन (AB रोड) कुछ घंटों के लिए बंद कर तेजी से बांध की मरम्मत का काम शुरू किया गया। भोपाल और इंदौर के विशेषज्ञों की टीम मौके पर मौजूद है। बांध का पानी खाली कर बांध की दीवार में राहत-बचाव का कार्य किया जा रहा है। समय रहते यदि राहत कार्य नहीं किया गया तो कई गांव बाढ़ के शिकार हो सकते हैं। जल संसाधन विभाग बांध को सुरक्षित रखने के लिए कार्य कर रहा है।

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