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नगर निगम ने कंसलटेंट की नियुक्ति के दस्तावेज देने से किया इनकार
इंदौर न्यूज़: प्रधानमंत्री आवास योजना के 2697 करोड़ खर्च करने की कार्ययोजना नगर निगम छिपाने में लगा है. निगम ने इसके लिए नया बहाना बनाया है. यह बहाना है, चूंकि दस्तावेज तृतीय पक्ष की जानकारी है, इसलिए नहीं दी जा सकती.
निगम ने पीएम आवास योजना के लिए 2697 करोड़ की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मे. मेहता एंड एसोसिएट्स से बनवाई थी. इस योजना को लेकर पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने निगम से सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत जानकारी मांगी थी, जिसमें डीपीआर बनाने के लिए बुलाए गए टेंडर, डीपीआर स्वीकृती के दस्तावेज, डीपीआर बनवाने के लिए बनाई गई नोटशीट, डीपीआर, वर्कऑर्डर की कॉपी, राज्य सरकार की अनुमति, कंस्लटेंट को किए गए भुगतान का रिकॉर्ड सहित कई चीजों की जानकारी मांगी थी. लेकिन, निगम से इसके जवाब में एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है चूंकि यह पूरी जानकारी तृतीय पक्ष से जुड़ी है, इसलिए उससे इसकी अनुमति चाही गई थी, लेकिन उन्होंने इसके लिए असहमति व्यक्त की है. निगम द्वारा नियुक्त कंस्लटेंट मे. मेहता एंड एसोसिएट्स की ओर से निगम को भेजी गई चिट्ठी भी दी गई है, जिसमें कंपनी ने इस जानकारी के दिए जाने से उनकी व्यावसायिक गोपनीयता भंग होने की बात कही है.
सूचना आयुक्त जारी कर चुके हैं निर्देश: आरटीआइ के तहत राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह पूर्व में ही सभी कलेक्टर और राज्य सरकार को निर्देश जारी कर चुके हैं कि आरटीआइ अधिनियम की धारा 4 में आने वाली जानकारी आवेदकों को तुरंत दी जाए. धारा 4 में सभी सरकारी कार्यालयों के दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा है.