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भोपाल: समय पर वसूली नहीं कर पाने के कारण भोपाल नगर निगम लंबे समय बाद आर्थिक संकट से गुजर रहा है। हालात ये हैं कि नगर निगम कमिश्नर और अपर आयुक्तों समेत 1000 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों की तनख्वाह के लाले पड़ गए हैं। निगम प्रशासन सूत्रों का कहना है कि करीब 11 हजार से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की तनख्वाह के तौर पर करीब साढ़े 14 करोड़ रुपए, 6 करोड़ रुपए पेंशन के भी बांटे जा चुके हैं।
अफसरों की तनख्वाह के लिए करीब 20 करोड़ रुपए की व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है। निगम के खाते में केवल 30 लाख रुपए ही बचे हैं। ऐसा महीनों बाद हुआ है, जब नगर निगम में 11 तारीख तक सभी अधिकारी-कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं बंट पाई है। इसकी बड़ी वजह समय पर वसूली नहीं हो पाना बताया जा रहा है। चुंगी क्षतिपूर्ति के तौर पर नगर निगम को शासन से हर महीने 22 करोड़ रुपए मिलते हैं। ये रकम भी अभी निगम को नहीं मिली है।
अगस्त में राजस्व वसूली का टारगेट 142 करोड़ रुपए का है, जिसमें करीब 12 फीसदी यानी 16.89 करोड़ रुपए की ही वसूली हो पाई है। इनमें से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की तनख्वाह बांटी जा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि राजनैतिक दखल बढ़ने के कारण जोन अफसर और वार्ड प्रभारी इन दिनों समय पर वसूली नहीं कर पा रहे हैं, जिससे ऐसे हालात बन रहे हैं।