मध्य प्रदेश

ग्वालियर से खुलेगा MP का द्वार, बागियों के सहारे सिंधिया के गढ़ में आप की हुंकार

Admin4
30 Jun 2022 5:30 PM GMT
ग्वालियर से खुलेगा MP का द्वार, बागियों के सहारे सिंधिया के गढ़ में आप की हुंकार
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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने भी अपनी एंट्री कर दी है. खास बात यह है कि 'आप' ने ऐसे लोगों पर दांव लगाया है जो कांग्रेस और बीजेपी के बागी हैं या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले थे. ऐसे में बागियों के भरोसे मजबूत दावेदारी जताते हुए आप के टिकट पर मेयर से लेकर पार्षद तक के उम्मीदवार मैदान में हैं. राजनिति के जानकार जहां आप को कम आंक रहे हैं वहीं बीजेपी के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के घर से हुंकार भरते हुए पार्टी के नेताओं का कहना है कि ग्वालियर से ही उनके लिए मध्य प्रदेश का द्वार खुलेगा.

आप के पास बड़ा चेहरा नहीं, बागियों पर किया भरोसा: आम आदमी पार्टी ने भले ही दिल्ली के बाद पंजाब में अपनी सरकार बना ली है, लेकिन मध्यप्रदेश की सियासत में वह अभी कहीं भी नजर नहीं आती है. यहां उसकी हालत खस्ता ही है. ग्वालियर में महापौर सहित सभी वार्डों में चुनाव लड़ने का दावा करने वाली पार्टी को निकाय चुनाव के रण में कोई बड़ा चेहरा नहीं मिला है. यही वजह है कि पार्टी अभी सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बागियों के भरोसे है. आम आदमी पार्टी की महापौर पद की उम्मीदवार रुचि राय गुप्ता ने कांग्रेस छोड़ आप का दामन थामा और सीधे महापौर का टिकट हासिल कर लिया.ऐसे करीब एक दर्जन से ज्यादा पार्षद पद के प्रत्याशी हैं जो अपने दलों या दूसरी क्षेत्रिय पार्टियों से टिकट न मिलने के बाद आप में आए हैं. पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी भी बना दिया है.

बीजेपी-कांग्रेस ने ली चुटकी: कांग्रेस और बीजेपी मध्य प्रदेश में आप के वजूद को लेकर चुटकी ले रही हैं. कांग्रेस नेता आरपी सिंह का कहना है कि आप पार्टी का मध्य प्रदेश में वजूद ही नही है, जो पार्टी दूसरे दलों के बागियों को चुनाव लड़ा कर जीतने का दावा करे उसका भविष्य क्या होगा, यह सब जानते है और आप पार्टी में जितने भी प्रत्याशी हैं वे सिर्फ वोट कटवा के भूमिका निभा रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी कहते हैं कि आम आदमी पार्टी निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमा कर मध्यप्रदेश में अपनी जगह तलाश रही है, लेकिन मध्यप्रदेश में उसका कोई अस्तित्व नहीं है केशवानी कहते हैं कि एमपी में नगरीय निकाय चुनाव में जिस तरह से आप ने टूरिज्म पॉलिटिक्स के तौर पर एंट्री मारी है वैसे ही चली जाएगी. फिलहाल उसकी स्थिति किसी भी पार्टी का विकल्प बनने जैसी नहीं है.

नगरीय निकाय चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में काफी सक्रिय नजर आ रही है. ग्वालियर निकाय चुनाव में आप ने 20 वार्डों में अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष जो कि महिला हैं उन्हें महापौर का कैंडिडेट बनाया है. खास बात यह है कि ग्वालियर में आप पार्टी के जितने भी प्रत्याशी हैं उनमें से ज्यादातर बीजेपी और कांग्रेस के बागी नेता हैं. इसी को लेकर आम आदमी पार्टी की जिला अध्यक्ष मनिक्षा तोमर के कहना है कि आम आदमी पार्टी ने ऐसी नेताओं को प्रत्याशी बनाया है जो बीजेपी और कांग्रेस की सूची से परेशान थे, लेकिन जमीनी कार्यकर्ता थे. ऐसे उम्मीदवारों को दोनों ही पार्टियों ने कोई मौका नहीं दिया. आम आदमी पार्टी ने इन नेताओं को मौका दिया है. मनिक्षा दावा करती हैं कि पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी और पार्टी के कई उम्मीदवार चुनाव जीत कर आएंगे.मेनीफेस्टो जारी, दावा, दिल्ली की तर्ज पर करेंगे ग्वालियर का विकास: आम आदमी पार्टी ने गुरूवार को अपना मेनिफेस्टो भी जारी किया. मेनिफेस्टो में दिल्ली मॉडल की झलक देखने को मिली. पार्टी ने दावा किया है कि जिस तरीके से दिल्लीवासियों को सुविधाएं भी दी जा रही हैं, उसी आधार पर मध्य प्रदेश में आम आदमी को सुविधाएं दिए जाने का वादा किया गया है. मध्य प्रदेश में 'आप' के प्रदेश प्रभारी मुकेश गोयल ने ग्वालियर को सिंधिया का गढ़ कहे जाने पर हमला बोलते हुए कहा कि गढ़ किसी का नहीं होता जनता जिस दिन मन बना लेती है सभी गढ़ ढह जाते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली के नजदीक एमपी में सबसे पहले ग्वालियर है और ग्वालियर से ही आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में प्रवेश कर रही है. सिंधिया का गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर में ही बीजेपी और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को हमारे उम्मीदवार धूल चटा देंगे.

Mp Urban Body Election: बागियों के सहारे सिंधिया के गढ़ में आप की हुंकार, ग्वालियर से खुलेगा MP का द्वार

Published on: 30 minutes ago

बागियों के भरोसे मजबूत दावेदारी जताते हुए आप के टिकट पर मेयर से लेकर पार्षद तक के उम्मीदवार मैदान में हैं. राजनीति के जानकार जहां आप को कम आंक रहे हैं वहीं बीजेपी के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के घर से हुंकार भरते हुए पार्टी के नेताओं का कहना है कि ग्वालियर से ही उनके लिए मध्य प्रदेश का द्वार खुलेगा

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने भी अपनी एंट्री कर दी है. खास बात यह है कि 'आप' ने ऐसे लोगों पर दांव लगाया है जो कांग्रेस और बीजेपी के बागी हैं या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले थे. ऐसे में बागियों के भरोसे मजबूत दावेदारी जताते हुए आप के टिकट पर मेयर से लेकर पार्षद तक के उम्मीदवार मैदान में हैं. राजनिति के जानकार जहां आप को कम आंक रहे हैं वहीं बीजेपी के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के घर से हुंकार भरते हुए पार्टी के नेताओं का कहना है कि ग्वालियर से ही उनके लिए मध्य प्रदेश का द्वार खुलेगा.

सिंधिया के गढ़ में आप की हुंकारआप के पास बड़ा चेहरा नहीं, बागियों पर किया भरोसा: आम आदमी पार्टी ने भले ही दिल्ली के बाद पंजाब में अपनी सरकार बना ली है, लेकिन मध्यप्रदेश की सियासत में वह अभी कहीं भी नजर नहीं आती है. यहां उसकी हालत खस्ता ही है. ग्वालियर में महापौर सहित सभी वार्डों में चुनाव लड़ने का दावा करने वाली पार्टी को निकाय चुनाव के रण में कोई बड़ा चेहरा नहीं मिला है. यही वजह है कि पार्टी अभी सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बागियों के भरोसे है. आम आदमी पार्टी की महापौर पद की उम्मीदवार रुचि राय गुप्ता ने कांग्रेस छोड़ आप का दामन थामा और सीधे महापौर का टिकट हासिल कर लिया.ऐसे करीब एक दर्जन से ज्यादा पार्षद पद के प्रत्याशी हैं जो अपने दलों या दूसरी क्षेत्रिय पार्टियों से टिकट न मिलने के बाद आप में आए हैं. पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी भी बना दिया है.सिंधिया के गढ़ में आप की हुंकारबीजेपी-कांग्रेस ने ली चुटकी: कांग्रेस और बीजेपी मध्य प्रदेश में आप के वजूद को लेकर चुटकी ले रही हैं. कांग्रेस नेता आरपी सिंह का कहना है कि आप पार्टी का मध्य प्रदेश में वजूद ही नही है, जो पार्टी दूसरे दलों के बागियों को चुनाव लड़ा कर जीतने का दावा करे उसका भविष्य क्या होगा, यह सब जानते है और आप पार्टी में जितने भी प्रत्याशी हैं वे सिर्फ वोट कटवा के भूमिका निभा रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी कहते हैं कि आम आदमी पार्टी निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमा कर मध्यप्रदेश में अपनी जगह तलाश रही है, लेकिन मध्यप्रदेश में उसका कोई अस्तित्व नहीं है केशवानी कहते हैं कि एमपी में नगरीय निकाय चुनाव में जिस तरह से आप ने टूरिज्म पॉलिटिक्स के तौर पर एंट्री मारी है वैसे ही चली जाएगी. फिलहाल उसकी स्थिति किसी भी पार्टी का विकल्प बनने जैसी नहीं है.सिंधिया के गढ़ में आप की हुंकारसिंधिया के गढ़ में आप की हुंकारसिंधिया के गढ़ में बढ़ी 'आप' की सक्रियता: नगरीय निकाय चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में काफी सक्रिय नजर आ रही है. ग्वालियर निकाय चुनाव में आप ने 20 वार्डों में अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष जो कि महिला हैं उन्हें महापौर का कैंडिडेट बनाया है. खास बात यह है कि ग्वालियर में आप पार्टी के जितने भी प्रत्याशी हैं उनमें से ज्यादातर बीजेपी और कांग्रेस के बागी नेता हैं. इसी को लेकर आम आदमी पार्टी की जिला अध्यक्ष मनिक्षा तोमर के कहना है कि आम आदमी पार्टी ने ऐसी नेताओं को प्रत्याशी बनाया है जो बीजेपी और कांग्रेस की सूची से परेशान थे, लेकिन जमीनी कार्यकर्ता थे. ऐसे उम्मीदवारों को दोनों ही पार्टियों ने कोई मौका नहीं दिया. आम आदमी पार्टी ने इन नेताओं को मौका दिया है. मनिक्षा दावा करती हैं कि पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी और पार्टी के कई उम्मीदवार चुनाव जीत कर आएंगे.मेनीफेस्टो जारी, दावा, दिल्ली की तर्ज पर करेंगे ग्वालियर का विकास: आम आदमी पार्टी ने गुरूवार को अपना मेनिफेस्टो भी जारी किया. मेनिफेस्टो में दिल्ली मॉडल की झलक देखने को मिली. पार्टी ने दावा किया है कि जिस तरीके से दिल्लीवासियों को सुविधाएं भी दी जा रही हैं, उसी आधार पर मध्य प्रदेश में आम आदमी को सुविधाएं दिए जाने का वादा किया गया है. मध्य प्रदेश में 'आप' के प्रदेश प्रभारी मुकेश गोयल ने ग्वालियर को सिंधिया का गढ़ कहे जाने पर हमला बोलते हुए कहा कि गढ़ किसी का नहीं होता जनता जिस दिन मन बना लेती है सभी गढ़ ढह जाते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली के नजदीक एमपी में सबसे पहले ग्वालियर है और ग्वालियर से ही आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में प्रवेश कर रही है. सिंधिया का गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर में ही बीजेपी और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को हमारे उम्मीदवार धूल चटा देंगे.

मेनीफेस्टो में ये दावे:

- माफ होगा हाउस टैक्स और कमर्शियल टैक्स.

- हर घर को 20000 लीटर पानी मुफ्त.

- महिला छात्राओं के लिए निशुल्क शहरी बस सेवा चलाई जाएगी.

- नगर निगम के अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा.

- जिस तरह से दिल्ली सरकार आम जनता को सुविधाएं दे रही है उसी तरह मध्यप्रदेश में भी सुविधा दी जाएगीं

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