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मध्य प्रदेश
MP: पन्ना टाइगर रिजर्व में पहली बार कैमरे में स्पॉट हुई दुर्लभ जानवर फिशिंग कैट
Gulabi
26 Aug 2021 7:28 AM GMT
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जंगल में इंसान की बढ़ती दखलअंदाजी की वजह से कई जीवों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है
जंगल में इंसान की बढ़ती दखलअंदाजी की वजह से कई जीवों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. यही वजह है कि मौजूदा दौर में बहुत से ऐसे पशु-पक्षी हैं, जो कि देखने तक को नहीं मिल रहे. ऐसे में इन जानवरों को लुप्तप्राय मान लिया जाता है क्योंकि इनकी मौजूदगी अब आम नहीं रह गई है. लेकिन कुछ एक बार ऐसे दुर्लभ जानवर बड़ी मुश्किल से दिखाई दे जाते हैं, जो कि हमारे लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है.
एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक मछली खाने वाली दुर्लभ '' फिशिंग कैट" मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में पहली बार कैमरे में स्पॉट की गई है. बुधवार को राज्य सरकार की एक प्रेस रिलीज में कहा गया कि बाघ अभयारण्य में लगे कैमरे में मछली खाने वाली बिल्ली को देखा गया है. पन्ना टाइगर रिजर्व के मध्य से तकरीबन 55 किलोमीटर तक प्रवाहित होने वाली केन नदी के आस-पास फिशिंग कैट की मौजूदगी के संकेत मिले थे, पर फोटो के रूप में पहला प्रमाण हाल ही में मिला है.
सरकार की तरफ से जारी की गई इस प्रेस रिलीज में कहा गया कि जीव वैज्ञानिक जो फिशिंग कैट पर अनुसंधान और अध्ययन में विशेष दिलचस्पी रखते हैं वे यहां आकर इस पर अध्ययन कर सकते हैं. इस जगह पर आने वाले पर्यटकों के लिए विभिन्न वन्य जीवों के साथ "फिशिंग कैट" आकर्षण का केंद्र बन रही है. दरअसल जब भी किसी ऐसे दुर्लभ जानवर को स्पॉट किया जाता है तो वन अधिकारियों के चेहरे खुशी से खिलखिला उठते हैं.
आम तौर पर फिशिंग कैट की प्रजाति विलुप्त हो रही है. इसलिए भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के अनुसार फिशिंग कैट का शिकार किया जाना प्रतिबंधित है. फिशिंग कैट की विशेषता यह है कि मछली को अपना भोजन बनाती है, जबकि इसकी प्रजाति के दूसरे जानवर में ये विशेषता नहीं होती है. इसलिए फिशिंग कैट' की मौजूदगी टाइगर रिजर्व में खास मायने रखती है.
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