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MP मध्य प्रदेश: जिले की घोड़ाडोंगरी तहसील के दानवाखेड़ा गांव में सड़क न होने के कारण पुलिस और ग्रामीणों को शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के लिए शव को कंधों पर उठाकर करीब 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। पोस्टमार्टम के बाद ग्रामीणों को शव को दोबारा घर ले जाने के लिए कंधों पर उठाकर 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। यह तस्वीर सरकार के विकास की पोल खोलती नजर आ रही है। जहां सरकार हर गांव में पक्की सड़क बनाने का दावा करती है, वहीं घोड़ाडोंगरी तहसील के दानवाखेड़ा गांव से रामपुर तक करीब 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क न होने के कारण आज भी ग्रामीण कीचड़ भरे कच्चे रास्ते से सफर करते हैं। बारिश में तो कच्चा रास्ता इतना खराब हो जाता है कि कोई भी वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाता।
ग्रामीण कई सालों से गांव में सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग आज भी सिर्फ मांग ही बनकर रह गई है। क्योंकि रामपुर से दनवाखेड़ा गांव तक करीब 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं थी और बारिश के कारण कीचड़ होने के कारण कोई भी वाहन गांव तक नहीं पहुंच पा रहा था। जिसके कारण पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को कंधों पर उठाकर करीब 10 किलोमीटर सड़क मार्ग से Rampurपहुंचाया, जहां से वाहन के माध्यम से शव को घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया। जहां शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। लेकिन शव को दोबारा दनवाखेड़ा ले जाने के लिए ग्रामीणों को रामपुर से दनवाखेड़ा तक कीचड़ भरे रास्ते पर शव को कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ा। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।
शव को ग्रामीणों की मदद से पुलिसकर्मियों ने कंधे पर उठाकर रामपुर तक पहुंचाया
चोपना थाना प्रभारी राकेश सरियाम ने बताया कि दानवाखेड़ा गांव निवासी उदन शाह 55 साल अपनी दूसरी पत्नी के घर से पहली पत्नी के घर जा रहा था। लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। जिस पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। आसपास तलाश करने के बाद गांव के ही पास नदी में उसका शव मिला। जिसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे। गांव तक पहुंचाने के लिए पक्की सड़क नहीं होने के कारण जैसे तैसे गांव तक पहुंचे। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से पुलिसकर्मियों एसआई राकेश सरियाम, एएसआई राजेश कलाम, आरक्षक विवेक यादव
,आसुतोष भोजने और 100 डायल के दीपक मालवी ने शव को कंधे पर उठाकर करीब 10 किलोमीटर दूर रामपुर तक शव को लाया गया। जिसके बाद रामपुर से शव को वाहन से घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया। जहां पर शव का पोस्टमार्टम कराया गया
2 घंटे तक कंधे पर शव उठाकर चलते रहे
मृतक के भाई जगन सिंह ने बताया कि उसके भाई की नदी में डूबने से मौत हो गई है। शव को postmartem के लिए घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया। रामपुर से दानवाखेड़ा तक 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क न होने के कारण शव को कंधे पर उठाकर 2 घंटे पैदल चलना पड़ा। शव को रामपुर से घोड़ाडोंगरी अस्पताल वाहन से लाया गया। घर वापस ले जाने के लिए शव को रामपुर से दानवाखेड़ा तक फिर से कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ा।
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Sanjna Verma
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