मध्य प्रदेश

Monsoon Budget ने जिलेवासियों को किया निराश, दूसरे जिलों को मिलीं विकास कार्यों की सौगातें

Gulabi Jagat
6 July 2024 2:06 PM GMT
Monsoon Budget ने जिलेवासियों को किया निराश, दूसरे जिलों को मिलीं विकास कार्यों की सौगातें
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Raisen रायसेन: रायसेन किले को सांची और भीमबेठिका जैसी विश्व धरोहर से जोड़ने की उम्मीद अधूरी रह गईं। युवक कांग्रेस अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह का कहना है कि हालांकि प्रदेश की डॉ मोहन सरकार ने दूसरे जिलों को बजट में कई सौगातें दी है।लेकिन बजट के मामले में रायसेन जिले के साथ फिर से सौतेला व्यवहार किया गया है।रायसेन जिले का नेतृत्व लाड़ली बहनों के भैया भांजियों के मामा शिवराज सिंह करते हैं।जो कि वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री हैं।वे भी रायसेन जिले के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं रख सके।रायसेन किले को सांची और भीमबेठिका जैसी विश्व धरोहर से जोड़ने की उम्मीद टूटी।
दरअसल प्रदेश सरकार के मानसून सत्र के बजट में रायसेन जिले को कोई बड़ी सौगात नहीं मिली। जिले को इस बजट के अनुसार उतना ही मिलेगा जितना प्रदेश के अन्य जिलों को सामूहिक योजनाओं के तहत मिलेगा। रायसेन जिले के लोग इस बजट से कुछ बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे थे। यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुसार सौगात की उम्मीद थी। जिले के पर्यटन स्थलों को जोड़कर टूरिज्म कॉरिडोर बनाने के लिए बड़े पैकेज की उम्मीद थी। इस कृषि प्रधान जिले में कृषि उत्पादों के लिए कोई बड़ी सरकारी इकाई की स्थापना की उम्मीद किसान लगा रहे थे। वह भी पूरी नहीं हुई। प्रदेश सरकार का बजट पूरे प्रदेश के लिए बेहतर हो सकता है।, लेकिन रायसेन जिले के लिहाज से इसमें ऐसा कुछ नहीं है, जिसका उल्लेख किया जा सके। एक बार फिर सरकार ने अपने बजट से जिले के किसानों, युवाओं, विद्यार्थियों को निराश किया है। एक जिला एक उत्पाद में शामिल जिले में टमाटर,धान की खेती को भी कोई सौगात नहीं मिली। जबकि किसान जिले में टमाटर की खेती पर आधारित प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की उम्मीद लगा रहे थे।
मप्र सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को आगे बढ़ाने के लिएमकोडिया डैम निर्माण को बजट में राशि का प्रावधान कियाजाना था। बेशक बेतवा नदी रायसेन जिले से निकली है, लेकिन इस परियोजना का भी कोई सीधा लाभ रायसेन को नहीं मिलता है। बजट में बेतवा के उद्गम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने कोई प्रावधान किया जा सकता था, लेकिन सरकार ने इस ओर भी ध्यान नहीं दिया।
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