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कचरा निपटान और सेग्रिगेशन के लिए मिली राशि का दुरुपयोग
इंदौर: शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को लेकर अनेकों काम हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर सेगांव ग्राम पंचायत में स्थित शर्मनाक नजर आ रही है यहां न तो नियमित साफ-सफाई और ना ही कचरा संग्रहण के लिए लोगों के घरों तक वाहन पहुंच रहा है कचरा निपटान और सेग्रिगेशन के लिए मिली राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई इस राशि के दुरुपयोग के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी आंखे मूंदकर बैठे है, तो खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है जगह-जगह गंदगी ढेर लगे है नालियां जाम हो चुकी और बदबू से लोगों का दम घूंट रहा है जनप्रतिनिधियों को आगे आने वाले विधानसभा चुनाव की चिंता सता रही है पंचायत स्तर से जनप्रतिनिधियों को कोई लेना देना नहीं है नागरिकों के द्वारा कई बार मौखिक शिकायत की गई, लेकिन नतीफा सिफर रहा
तीन नाफेड स्टैंड बनाए, उसमे भी दो खराब
स्वच्छ भारत मिशन के तहत करीब 37 हजार के लागत से 3 नाडेफ स्टैंड अखामखेड़ा रोड पर बनाए इसका निर्माण करीब सालभर पहले हुआ थ लेकिन घटिया काम होने की कारण उपयोग नहीं होने के पहले 1 नाडेफ पूरा क्षतिग्रस्त हो गया है और 2 नाडेफ शोपिस बनकर रह गए हैं
सेग्रिगेशन शेड पूरा नहीं हुआ
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 15 वें वित्त आयोग 2020-21 में 7 लाख 91 हजार की राशि मिली थी इस राशि से सेग्रिगेशन शेड का निर्माण खामखेड़ा रोड के पास शुरू हुआ था करीब 6 लाख 56 हजार 863 रुपए का आहरण कर होने के बाद भी शेड का काम पूरा नहीं है यह अधूरा है जिसका मूल्यांकन होना बाकी है ऐसे कई मनरेगा के कार्य पूर्व पंचायत द्वारा किए गए वह अधूरे पड़े हैं और राशि निकल चुकी है
नाली चौक होने से सांस लेना दूभर: मेन रोड निवासी हीरालाल पाटीदार के घर के सामने कि नाली चौक होने के कारण गंदा पानी रोड पर आ रहा है पाटीदार द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा कई बार ग्राम पंचायत को सूचना दी गई लेकिन समस्या आज तक बरकरार है