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पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने सुप्रीम कोर्ट को कूनो नेशनल पार्क के अलावा चीतों के संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई उपयुक्त स्थानों की पहचान की है। इनमें मध्यप्रदेश स्थित गांधी सागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, नौरादेही वाइल्डलाइफ सेंचुरी और राजस्थान के शाहगढ़ बुलगे, भैंसरोरगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व क्षेत्र को चिन्हित किया गया है।
क्या कहा गया पर्यावरण मंत्रालय और NTCA के संयुक्त हलफनामे में ?
नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के अभ्यारण्यों से लाए गए चीतों की मौत के संबंध में पर्यावरण मंत्रालय और एनटीसीए के संयुक्त हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक भी चीते की मौत अप्राकृतिक कारणों जैसे-शिकार, जाल में फंसने, जहर, सड़क हादसे या बिजली गिरने से नहीं हुई है।
पिछले चार महीनों में आठ चीतों की हुई मौत
पर्यावरण और वन मंत्रालय के दायर हलफनामे में कहा गया है कि एनटीसीए के पास यह मानने की कोई वजह नहीं है कि कूनो का माहौल उपयुक्त नहीं होने के कारण पिछले चार महीनों में आठ चीतों की मौत हुई है। बल्कि उसका कहना है कि आमतौर पर आम माहौल में नहीं छोड़े गए वयस्क चीतों में सामान्य जीवन प्रत्याशा 50 प्रतिशत ही होती है। जबकि सामान्य माहौल में वयस्तक चीतों के जीने का प्रतिशत दस प्रतिशत ही रह जाता है।
