मध्य प्रदेश

मंत्री बोले व्यवस्थाएं की जाएंगी चुस्त-दुरुस्त, कांग्रेस बोली व्यापम का है पार्ट

Admin4
10 July 2022 3:20 PM GMT
मंत्री बोले व्यवस्थाएं की जाएंगी चुस्त-दुरुस्त, कांग्रेस बोली व्यापम का है पार्ट
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भोपाल। मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. (Medical University Fraud Case) कांग्रेस ने इसे व्यापम घोटाले का नाम देते हुए कहा कि, प्रदेश में मुन्ना भाई तैयार हो रहे हैं. इधर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि, सरकार हर व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में लगी है. (Medical education system of Madhya Pradesh) ऐसे में अगर मेडिकल यूनिवर्सिटी की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करना पड़ा तो किया जाएगा. मामले का खुलासा उस 5 सदस्य कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है, जो जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने गठित की थी.

व्यापम जैसा फर्जीवाड़ा: एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी में व्यापम जैसा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इसमें यूनिवर्सिटी के ही तत्कालीन कुलपति और रजिस्ट्रार ने एग्जाम कंट्रोलर को रोल नंबर लिख कर दिए और कहा कि इन्हें पास किया जाए. इसके साथ ही रिवैल्युएशन में 13 स्टूडेंट्स जो 2 बार फेल हो गए थे, लेकिन तीसरी बार में उन्हें भी पास कर दिया गया. 278 स्टूडेंट्स के नाम मैच नहीं हुए. यह ऐसे स्टूडेंट्स हैं जिनका नामांकन दूसरे नाम से हुआ है और एग्जाम अलग स्टूडेंट्स ने दिया है. मामला सामने आने के बाद मेडिकल चिकित्सा विभाग में एक बार फिर हड़कंप मच गया है. व्यापम घोटाले के नाम से इसको भी जोड़ कर अब कहा जाने लगा है.

'एमपी गजब है': कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने आरोप लगाते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि- " व्यापम का महा घोटाला जारी है, सरकार के ही लोग और विभाग के अधिकारी मिले हुए हैं. "मुन्ना भाई एमबीबीएस" की तर्ज पर मध्य प्रदेश की जबलपुर स्थित यूनिवर्सिटी में मुन्ना भाई तैयार हो रहा हैं. एमपी गजब है".

जिम्मेदारों की दलील: इधर, मामले के उजागर होने के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने की बात कही है. सारंग ने कहा कि जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी को पहले भी चुस्त-दुरुस्त करने की व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं.आगे भी यह व्यवस्था जारी रहेगी, जिससे आगे कोई गड़बड़ी ना हो.

कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा: फिलहाल मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि इसमें आरोप सीधे तौर पर मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के तत्कालीन कुलपति डॉ. टी.एन दुबे और इंचार्ज रजिस्टर डॉ. जेके गुप्ता पर लगा है. इन दोनों ने ही एग्जाम कंट्रोलर डॉक्टर वंदना सक्सेना को 12 रोल नंबर लिख कर दिए थे. इसमें उन्होंने इन रोल नंबर्स को पास करने को कहा. अब देखना होगा कि इसमें आगे कोई कार्रवाई होती है या यह मामला भी थोड़े दिनों बाद ठंडे बस्ते में चला जाएगा.





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