मध्य प्रदेश

MBBS डॉक्टर ने हिंदी में दिया दवाई का पर्चा , बोले मातृभाषा का सम्मान

HARRY
17 Oct 2022 5:40 AM GMT
MBBS डॉक्टर ने  हिंदी में दिया दवाई का पर्चा , बोले मातृभाषा का सम्मान
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सीएम शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के साथ ही मध्यप्रदेश के सतना जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटर के चिकित्सक डॉ सर्वेश सिंह ने हिन्दी भाषा पर अमल करना शुरू कर दिया है। डॉ सिंह ने हॉस्पिटल आने वाले मरीजों के पर्चे पर दवाइयां अंग्रेजी की बजाय हिंदी में लिखकर दी। चिकित्सक का पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिले में चर्चा का विषय बना रहा।

डॉ सर्वेश सिंह ने वनइंडिया हिंदी से चर्चा के दौरान बताया कि मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ होने के कार्यक्रम को मैं भी लाइव देख रहा था। मुख्यमंत्री द्वारा चिकित्सकों से पर्चे में हिंदी भाषा में दवाइयों के नाम लिखने की बात कही गई, यह सुनते ही मेरा दिल खुश हो गया। लगा कि मातॄ भाषा को इससे बड़ा सम्मान और क्या हो सकता है। अस्पताल पहुंचा तो लौलाछ निवासी गर्भवती रश्मि सिंह पति संतराज सिंह इलाज कराने प्रसव पूर्व जांच कराने आई थी।

तभी मैंने तय किया आज से ही पर्चे पर दवाइयों के नाम अब हिंदी में लिखूंगा। गर्भवती के पर्चे में सभी दवाइयों के नाम हिंदी भाषा में लिखकर दिया। इसके बाद जब घर पहुंचा तो वहां भी एक बीमार महिला सुरेखा शर्मा इलाज व परामर्श के इंतजार में बैठी हुई थी। महिला को तेज बुखर था, उसके पर्चे पर भी सभी दवाइयों के नाम हिंदी में लिखकर दिए।

इस बारे में मरीज मुकेश उपाध्याय के भाई रजनीश उपाध्याय ने जानकारी दी कि मेरी बहन को उल्टी दस्त की मरीज थी जिसको लेकर हम डॉक्टर के पास पहुंचे हुए थे। डॉक्टर सर्वेश सिंह ने उनको देखा और दवाई का पर्चा हिंदी में लिखा, जिसे देखकर मैं अचंभित रह गया। पहली बार किसी डॉक्टर ने हिंदी में पर्चा लिखा। यही नहीं, जब दवाई लेने गया तो दवा देने वाला भी पर्चा देखकर अचंभित रह गया।

हिंदी में पर्चा देखकर मुझे बेहद खुशी हुई, हिंदी का पर्चा लिखने में 30 मिनट लगे मरीज आशुतोष उपाध्याय ने बताया डॉक्टरों के लिए हिंदी मुसीबत भी बन रही है, डॉक्टर दवाई का पर्चा 4-5 मिनट में लिखकर दे देते हैं, दवाई का पर्चा लिखने में करीब 25-30 मिनट डॉक्टर साहब को लगे और इतना ही समय दवा देने वाले को भी लगे. इसमें समय ज्यादा लगा, उसके बावजूद भी हमारे लिए यह खुशी की बात है।

HARRY

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