मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कुपोषित आदिवासी बच्ची की मौत

Ritisha Jaiswal
11 Aug 2022 11:30 AM GMT
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कुपोषित आदिवासी बच्ची की मौत
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मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में गुरुवार को एक आदिवासी कुपोषित बच्ची की मौत हो गई.

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में गुरुवार को एक आदिवासी कुपोषित बच्ची की मौत हो गई. इस घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया. मामला जिला अस्पताल के एनआरसी केंद्र का है. बच्ची को पोषण देने के लिए 4 दिन पहले यहां भर्ती किया गया था, लेकिन सुधार होने के बजाए उसकी तबीयत और बिगड़ गई. हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को छुपाने की पूरी कोशिश की. अधिकारियों ने बच्ची के शव को अल सुबह वाहन से उसके गांव पहुंचा दिया. बच्ची की मौत का मामला सामने आने के बाद अब जिम्मेदार लोग सफाई दे रहे हैं.

गौरतलब है कि, आदिवासी कुपोषित बच्ची की मौत की खबर लगते ही न्यूज 18 की टीम उसके घर पहुंच गई. यहां पता चला कि डेढ़ साल की मासूम बच्ची देवकी आदिवासी का औसतन वजन 10 किलोग्राम से ऊपर होना चाहिए था. लेकिन, कुपोषण से ग्रसित होने की वजह से उसके शरीर का वजन महज पौने चार किलो ही थी. उसे उपचार और पोषण के लिए 8 अगस्त को जिला अस्पताल के एनआरसी केंद्र में भर्ती कराया गया था. लेकिन, कुपोषण की वजह से बच्ची की हालत ज्यादा नाजुक हो गई और गुरुवार अलसुबह उसकी मौत हो गई. इस बारे में पूछने पर जिले के सीएमएचओ डॉ बीएल यादव ने ये सीधे तौर पर स्वीकार नहीं किया कि बच्ची की मौत कुपोषण से हुई, लेकिन उन्होंने माना कि बच्ची कुपोषण के दायरे में थी.
खुल गई विभागों की पोल
विशेषज्ञ बताते हैं कि आज भी कुपोषण से ग्रसित अनगिनत बच्चों की हर महीने मौत हो जाती है. श्योपुर जिले में पिछले कुछ सालों तक 20 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषण से ग्रसित थे, जिनमें से करीब 4 हजार बच्चे अति कुपोषित थे. अब महिला एवं बाल विकास विभाग ने नए आंकड़े पेश कर जिले से कुपोषण को लगभग गायब कर दिया है. लेकिन, डेढ़ साल की इस मासूम की मौत ने महिला बाल विकास विभाग के दावों के साथ-साथ उनकी आंकड़े बाजी की भी पोल खोल कर रख दी है.


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