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धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र, नक्शे पर उभरेगी पौराणिक नगरी उज्जैन
उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार, 11 अक्टूबर को उज्जैन में ''श्री महाकाल लोक'' के लोकार्पण की घटना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की है। भारत के धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के नक्शे पर उज्जैन एक प्रमुख स्थल के रूप में दर्ज होने जा रहा है। हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा नई पर्यटन नीति का मसौदा तैयार किया गया है, जिसमें धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन से निवेश में वृद्धि और रोजगार के अवसर बढ़ाने का उल्लेख है। मध्यप्रदेश इस दिशा में पहल कर अग्रणी प्रांत बना है।
जनसम्पर्क अधिकारी अशोक मनवानी ने सोमवार को बताया कि उज्जैन में गत 4 वर्ष से जिस तरह ''श्री महाकाल लोक'' प्रकल्प के कार्यों को किया जा रहा था वे आज पूर्णता प्राप्त कर चुके हैं। प्रकल्प के प्रथम चरण के कार्य पूरे हो गए हैं। पर्यटक और श्रद्धालु यहाँ आकर अनेक सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में भी की कार्यों की समीक्षा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ''श्री महाकाल लोक'' प्रकल्प के कार्यों की निरंतर समीक्षा की है। यहाँ तक कि कोरोना काल में भी वर्ष 2020, वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में जब-जब वायरस फैलने की स्थितियाँ आईं, उसके नियंत्रण की सभी चुनौतियों का सामना और आम लोगों की जिंदगी की रक्षा के लिए भरसक प्रयास करते हुए प्रदेश में विकास के सभी क्षेत्रों में कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा का क्रम नहीं टूटा। ''श्री महाकाल लोक'' परियोजना के कार्यों की सतत समीक्षा हुई।
मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2017 में प्रकल्प की स्वीकृति के बाद वर्ष 2018 से कार्य प्रारंभ हुए थे। वर्ष 2019 में कार्यों की गति धीमी पड़ गई थी. जिसे मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020 से तेजी से पूर्ण करवाने के लिए बैठकों और स्थल निरीक्षण से निरंतर समीक्षा की। इसी का परिणाम है कि आज उज्जैन महाकाल परिसर की तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा जब प्रधानमंत्री मोदी को प्रथम चरण के कार्य पूर्ण होने का ब्यौरा दिया गया तो प्रधानमंत्री ने लोकार्पण कार्यक्रम के लिए आने की सहमति प्रदान की। प्रधानमंत्री सितंबर माह में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के प्रवेश के राष्ट्रीय महत्व के कार्य के लिए मध्यप्रदेश आए थे और वे पुनः दूसरे माह एक ऐसे ही राष्ट्रीय महत्व के कार्य के उद्देश्य से मध्यप्रदेश आ रहे हैं। उनके आगमन पर प्रदेश के नागरिक भी उल्लास और उत्साह का अनुभव कर रहे हैं।
दो सिंहस्थ के मध्य आया संयोग
उज्जैन में ''श्री महाकाल लोक'' का लोकार्पण एक सुखद संयोग है। इसमें एक संयोग यह भी जुड़ा है कि वर्ष 2016 में हुए सिंहस्थ और वर्ष 2028 में आने वाले सिंहस्थ के मध्य वर्ष अर्थात 2022 में ''श्री महाकाल लोक'' का लोकार्पण हो रहा है। यहाँ दर्शनार्थ लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे जो अपने आप में एक लघु सिंहस्थ का दृश्य उपस्थित करेगा। यही नहीं मध्यप्रदेश का जन-जन जो भगवान श्री महाकाल की भक्ति में लीन हो चुका है, वह सजीव प्रसारण से संपूर्ण लोकार्पण कार्यक्रम का साक्षी बनेगा।