मध्य प्रदेश

बारिश की कामना को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे महारूद्राभिषेक अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई

Ritisha Jaiswal
27 Jun 2022 2:08 PM GMT
बारिश की कामना को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे महारूद्राभिषेक अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई
x
अच्छी बारिश की कामना को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे महारूद्राभिषेक अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई

अच्छी बारिश की कामना को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे महारूद्राभिषेक अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। इस दौरान कलेक्टर आशीष सिंह ने तलवार से कद्दू काटकर बलि अर्पित की। अब हर कोई आसमान की ओर टकटकी लगाकर देख ऱहा है और बारिश की उम्मीद लगा रहा है।

बता दें कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में 23 जून से मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह ने सपत्निक भगवान महाकाल तथा श्रृंगी ऋषि का पूजन कर महारूद्राभिषेक अनुष्ठान का शुभारंभ किया था। पांच दिन भगवान महाकाल व श्रृंगी ऋषि पर सहस्त्र जलधारा प्रवाहित की गई। मंदिर के पुजारी-पुरोहित सहित अन्य 55 पंडितों ने नंदी मंडपम् में बैठकर पर्जन्य मंत्रों का जप किया। यह क्रम 27 जून तक प्रतिदिन सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक किया गया। सोमवार को अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। पूर्णाहुति के लिए कलेक्टर आशीष सिंह महाकाल मंदिर पहुंचे थे। यज्ञशाला के बाहर कलेक्टर सिंह ने अनुष्ठान में कामना की पूर्ति के लिए सफेद कद्दू को तलवार से काटकर बलि देकर अनुष्ठान की पूर्णाहुति की।
मंदिर के आशीष पुजारी ने बताया कि भगवान महाकाल के महारूद्र अभिषेक का शास्त्र में बड़ा महत्व है। यह शिव को बड़ा प्रिय है। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा राष्ट्र के कल्याण के लिए और उत्तम वर्षा की कामना के साथ महारूद्राभिषेक अनुष्ठान का हवनात्मक समापन किया है। इस दौरान महाकाल के अधिकारी व पुजारी-पुरोहित मौजूद थे। अनुष्ठान के आचार्य पं.घनश्याम शर्मा ने बताया पर्जन्य अनुष्ठान में श्रृंगी ऋषि का विशेष महत्व है। श्रृंगी ऋषि के मस्तक पर जन्म से ही सींग था, जिसके कारण उनका नाम श्रृंगी पड़ा। श्रृंगी ऋषि के आह्वान से इंद्र देव प्रसन्न होते हैं तथा उत्तम वर्षा करते हैं। इसीलिए श्रृंगी ऋषि की मूर्ति पर भी भगवान महाकाल के साथ सतत जलधारा प्रवाहित कर अभिषेक किया जा जाता है।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

    Next Story