मध्य प्रदेश

मध्य-प्रदेश: भाजपा और कांग्रेस में से किसका होगा मेयर, 56 साल का टूटेगा क्या रिकॉर्ड?

Kajal Dubey
17 July 2022 1:14 PM GMT
मध्य-प्रदेश: भाजपा और कांग्रेस में से किसका होगा मेयर, 56 साल का टूटेगा क्या रिकॉर्ड?
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ग्वालियर नगर निगम में रविवार को मेयर और पार्षदों की मतगणना शुरू हो गई है। साथ ही अगले मेयर की तस्वीर भी साफ हो जाएगी। मध्य प्रदेश की ग्वालियर नगर निगम सबसे हॉट सीट मानी जा रही है। यहां भाजपा और कांग्रेस की साख दांव पर हैं। भाजपा की तरफ से खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे दिग्गज नेताओं ने डेरा डाला हुआ था। वहीं, कांग्रेस की तरफ से खुद पूर्व सीएम कमलनाथ ने पूरी कमान अपने हाथों ले ली थी।
ग्वालियर नगर निगम भाजपा का गढ़ माना जाता है। यही वजह है कि पिछले 56 साल से यहां पर भाजपा का ही मेयर जीतता आ रहा है। सिंधिया परिवार का इस सीट पर वर्चस्व माना जाता है। हालांकि, कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया परिवार मेयर प्रत्याशी का चयन करता था, लेकिन पिछले 56 साल में सिंधिया परिवार अपने करीबी नेता को मेयर की कुर्सी पर नहीं पहुंचा पाया है। अब सिंधिया परिवार भाजपा से जुड़ा हुआ है। एक तरफ जहां कांग्रेस 56 साल के रिकॉर्ड को तोड़ने का प्रयास करेगी। वहीं, भाजपा भी रिकॉर्ड को कायम रखना चाहती है।
इस सीट से भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा मैदान में है। कांग्रेस की तरफ से शोभा सतीश सिकरवार अपनी किस्मत अजमा रही है। दोनों के कड़ी टक्कर है। शोभा सिकरवार तीन बार से पार्षद हैं, जबकि भाजपा की सुमन करीब दो दशक बाद चुनाव मैदान में उतरी हैं। 2001-02 में वह उपनगर ग्वालियर के वार्ड 10 से पार्षद का चुनाव हार गई थीं। सुमन शर्मा पिछले 38 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। इस संगठन में अलग-अलग पदों पर काम कर चुकी है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी दो दशक से राजनीति में हैं।
भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा
60 वर्षीय सुमन शर्मा एमए पास हैं। पहली बार पार्षद का चुनाव हार गई थीं। भाजपा में सुमन शर्मा पूर्व जिला मंत्री, पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, प्रदेश मंत्री महिला मोर्चा रह चुकी हैं। साथ ही फिल्म सेंसर बोर्ड की सलाहकार समिति सदस्य के अलावा केआरजी कॉलेज में जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष रहने के साथ-साथ कई संस्थाओं से जुड़ी रही हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार
45 वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार एमए के साथ पीएचडी कर चुकी हैं। भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस से जुड़ी हैं। 2004 में इन्होंने वार्ड 40, 2009 में वार्ड 56 और 2014 में वार्ड 45 से पार्षद का चुनाव जीता। दो बार एमआईसी सदस्य भी रही हैं।
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