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मध्य प्रदेश बना था ODF, शौच के लिए अब भी बाहर जाने को मजबूर ग्रामीण
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) 2019 में खुले में शौच से मुक्त (ODF) राज्य घोषित किया जा चुका है लेकिन हकीकत इससे उलट दिखाई देती है. राजधानी भोपाल (Bhopal) से सटे जिले रायसेन (Raisen), सीहोर (Sehore), विदिशा (Vidisha) और राजगढ़ (Rajgarh) आदि में ओडीएफ का मजाक बनता दिख रहा है. सीहोर मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बावजूद ओडीएफ मानदंडों पर खरा नहीं दिखता है.
एबीपी न्यूज संवाददाता ने कई जिलों का दौरा किया और गांव-गांव जाकर ओडीएफ की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी जुटाई. कई स्थानों पर शौचालय बने हैं लेकिन ग्रामीण उसका इस्तेमाल नहीं करते हैं. कहीं-कहीं शौचालय खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. ग्राम बोरदीकला, अलीपुर, उमरखाल, रतनपुर तुमड़ी समेत दर्जनों गांवों में शौचालयों को लेकर गड़बड़ियां मिलीं. अलीपुर की एक आदिवासी महिला पुनीया बाई ने बताया, ''हमें तो शौचालय मिला ही नहीं, हम शौच के लिए बाहर जाते हैं, सरपंच और सचिव कहते हैं अभी आया ही नही हैं आपका शौचालय.''
बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ये कहा
मामले को लेकर बीजेपी के जिला अध्यक्ष रवि मालवीय ने कहा, ''यह मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है. जहां जहां शौचालय नहीं बने हैं और जहां शौचालय खंडहर हो गए हैं, उनके बारे में अफसरों को सज्ञान में लाएंगे और जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी. हमारी सरकार हमेशा गरीबों के लिए जनहित की योजनाएं चला रही है और हमारा जिला भी ओडीएफ है.''
कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा, ''कागजों पर ही बीजेपी सरकार ओडीएफ घोषित करती है, जमीनी स्तर पर गरीब आज भी शौचालय के लिए परेशान है. दिखावा करती है बीजेपी, कई गांव, कई जिलों में आज भी लोग बाहर शौच जा रहे हैं. जल्दी इसको लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे और गरीबों को उनका हक दिलाएंगे.''