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मध्य प्रदेश
मध्य-प्रदेश: टिकट बंटने के बाद बीजेपी में सिर उठा रहे हैं बागी, सिंधिया करेंगे डैमेज कंट्रोल
Kajal Dubey
20 Jun 2022 2:47 PM GMT
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भोपाल. नगरीय निकाय चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने सभी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. हालांकि इस ऐलान के साथ ही पार्टी में बगावत के सुर भी उठ रहे हैं. टिकट बंटवारे के बाद बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में नाराज उम्मीदवार और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा. नाराज कार्यकर्ता टिकट न मिलने की वजह से प्रदेश पदाधिकारियों को खरी खोटी तक सुना रहे हैं. डैमेज कंट्रोल के लिए कमेटी बनाकर सिंधिया सहित तमाम दिग्गजों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में आने वाले बागी तेवर वाले कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए बीजेपी को एक टीम बनानी पड़ी है जो लगातार असंतुष्टों के संपर्क में है. बीजेपी की ओर से नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए एक अपील समिति का गठन किया गया है. इस अपील समिति में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी के साथ बंशीलाल गुर्जर और विनोद गोटिया को शामिल किया गया है. अपील समिति नाराज उम्मीदवारों से संवाद कर उन्हें मना रही है. इसके साथ ही पार्टी ने प्रदेश मुख्यालय में पूर्व सांसद आलोक संजर को तैनात किया है उन्हें मुख्यालय में नारेबाजी और हंगामा करने वाले दावेदारों को शांत करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
उधर बगावत के डर से बीजेपी ने नामांकन के आखिरी दिन तक सभी वार्डों के नाम का ऐलान नहीं किया था. भोपाल के जिन 6 वार्डों में सबसे ज्यादा विवाद का डर था उनमें नाम नामांकन की आखिरी तारीख निकलने के बाद जारी किए गए. बीजेपी ने बाकी बचे 6 वार्ड के लिए प्रत्याशी सोमवार को घोषित किए. इनमें वार्ड 20 से पूजा शर्मा, वार्ड 28 से किशन सूर्यवंशी, वार्ड 29 राजेंद्र राठौर, वार्ड 46 आशाराम शर्मा, वार्ड 27 सुरेंद्र बाडीका, वार्ड 66 संतोष शर्मा के नाम फाइनल किए गए हैं. वार्ड 49 से एक प्रत्याशी को बदला भी गया है. बाबूलाल यादव वार्ड 49 से प्रत्याशी होंगे. इससे पहले सिद्धार्थ सोनवाने को इस वार्ड से उम्मीदवार बनाया गया था.
बड़े नेताओं ने संभाला मोर्चा
उधर बगावत रोकने के लिए बीजेपी ने अगल अलग संभागों में बड़े नेताओं की टीम को भी तैनात किया है. खास तौर से ग्वालियर चंबल संभाग में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया डैमेज कंट्रोल की कोशिश में लगे हुए हैं. इसके अलावा नरोत्तम मिश्रा और कैबिनेट मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी गई है. मालवा में कैलाश विजयवर्गीय के अलावा स्थानीय नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है. महाकौशल और बाकी संभागों में स्थानीय बड़े नेताओं को डैमेज कंट्रोल के लिए कहा गया है.
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