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जनता से रिश्ता : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रिटायर्ड कर्मचारी (Retired Employees) वेतन भुगतान (salary payment) मामले में एक बार फिर से सख्त एक्शन लिया है। भोपाल कलेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High court) ने कहा है कि पूर्व के आदेश की अब तक नाफरमानी क्यों की जा रही है। दरअसल वर्ष 2002 में ड्राइवर के पद से सेवानिवृत्त हुए मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी 20 साल से वेतन अंतर राशि पाने के लिए भटक रहे हैं।
इस बीच लेबर कोर्ट और हाई कोर्ट द्वारा स्पष्ट आदेश दिया गया था कि आवेदक को राशि का भुगतान हर हाल में करना होगा। बावजूद इसके अब तक उन्हें भुगतान नहीं किया गया है। परेशान होकर आवेदक ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। जिसमें जस्टिस नंदिता दुबे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए Bhopal Collector को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक होशंगाबाद के पिपरिया में रहने वाले कालीराम चौधरी द्वारा लेबर कोर्ट में 25 जनवरी 2016 को याचिका दायर की गई थी। जिसमें वकील ने उनका पक्ष रखते हुए उनके वेतन राशि अंतर की मांग पर बड़ी दलील दी थी। उस वक्त लेबर कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिए थे कि उन्हें ₹3,84,000 का भुगतान किया जाए।हालांकि याचिकाकर्ता को 20 मई 1985 से 28 मई 2005 के बीच की वेतन अंतर राशि का भुगतान होना है।याचिकाकर्ता ने इस मामले में 18 फरवरी 2018 को कलेक्टर भोपाल को अभ्यावेदन सौंपा था। कार्रवाई नहीं होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने भी 9 फरवरी 2018 को कलेक्टर को राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए थे। हालांकि अब तक हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। जिसके बाद अब भोपाल कलेक्टर को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा गया है।
सोर्स-hindustan
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