मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश : मौसम विभाग ने प्रदेश के 24 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई

Ritisha Jaiswal
14 Aug 2022 10:42 AM GMT
मध्य प्रदेश : मौसम विभाग ने प्रदेश के 24 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई
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मध्य प्रदेश के लिए अगले 24 घंटे भारी पड़ सकते हैं. मौसम विभाग ने प्रदेश के 24 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है.

मध्य प्रदेश के लिए अगले 24 घंटे भारी पड़ सकते हैं. मौसम विभाग ने प्रदेश के 24 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. विभाग ने शहडोल, जबलपुर, सागर, रीवा संभागों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है. यहां 64.5 मिमी से 115.5 मिमी बारिश हो सकती है. इसके अलावा शहडोल, जबलपुर, सागर, रीवा, भोपाल, चंबल और ग्वालियर संभाग में गरज के साथ बिजली चमकने, गिरने की संभावना जताई गई है. इन संभागों के जिलों के लिए भी मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है. इस दौरान हवा की गति 18 किमी प्रति घंटा हो सकती है.

गौरतलब है कि भारी बारिश ने मध्य प्रदेश के कई जिलों में हाहाकार मचा रखा है. मौसम विभाग ने कहा है कि सागर, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन में भारी बारिश होगी. विभाग ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है. दूसरी ओर, श्योपुर जिले में पार्वती नदी उफान पर है. इस वजह से श्योपुर का राजस्थान के कोटा, बारा, खतौली और इटावा सहित कई शहरों से संपर्क कटा हुआ है. नदी के पुल पर अभी भी करीब 7 फीट पानी है. इस वजह से फिलहाल आवागमन शुरू होने की संभावना नहीं है.
हालात लगातार हो रहे बद्तर
श्योपुर में बने हालातों की वजह से वाहन चालकों और यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. नदी के किनारे पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें भी लगी हुई हैं. पार्वती नदी में उफान आने की वजह से जिले का सुंडी गांव एक बार फिर से टापू बन गया है. इस गांव में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सहित करीब 300 ग्रामीण अभी भी फंसे हुए हैं. पानी के तेज बहाव की वजह से अब ग्रामीणों की नाव भी नहीं चल पा रही है. ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को रोजमर्रा के जरूरत के सामान और बीमारों को दवा के लिए परेशान होना पड़ रहा है. सुंडी गांव नदी के बीचों-बीच एक विशालकाय टापू पर बसा हुआ है, जो बारिश के सीजन में पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ते ही संपर्क खो देता है.
इस गांव में सबकुछ चौपट
इस टापू पर बसे ग्रामीणों की मांग है कि शासन उन्हें इस जमीन के बदले दूसरे सुरक्षित स्थान पर जमीन दे और पीएम आवास योजना से मकान बना कर दे. ताकि, उन्हें हर बार जिंदगी और मौत से न जूझना पड़े. ग्रामीणों का कहना है कि, वह पिछले करीब 2 महीने से बाढ़ के हालातों से जूझ रहे हैं. उनका गांव बार-बार टापू बन रहा है. लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों ने उनकी सुध तक नहीं ली है. इससे लोग परेशान हैं, बच्चों की भी पढ़ाई-लिखाई चौपट हो रही है.
मंडला में नर्मदा उफान पर
मंडला जिले में लगातार हो रही बारिश से नर्मदा नदी में उफान आ गया है. इससे छोटा रपटा पुल डूब गया है. नर्मदा नदी छोटे रपटे पुल से खतरे के निशान से करीब दो फीट ऊपर बह रही है. इसके साथ ही मंडला से घुघरी मार्ग के बीज बना रामनगर पुल भी डूब गया है. इस पुल पर भी नर्मदा खतरे के निशान से 4 फीट ऊपर बह रही है. यहां मां नर्मदा के रौद्र रूप को देखने के लिए घाटों पर लोगों की भीड़ लग रही है. हालांकि, प्रशासन ने पुल के दोनों ओर बैरिकेड लगा दिए हैं. मौके पर होमगार्ड की टीम मौजूद है.
सतना में सूखे से राहत
सूखे की मार झेल रहे सतनावासियों की पुकार इंद्र देव ने सुन ली. यहां मूसलाधार बारिश हुई. इसे बरसात के सीजन की सबसे तेज बारिश माना जा रहा है. इस बारिश ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों की कलई खोल कर रख दी.
शिवपुरी में बाढ़ के हालात
गौरतलब है कि शिवपुरी में भारी बारिश से बाढ़ के हालात निर्मित हो गए हैं. सर्किट हाउस रोड, रामबाग कॉलोनी, गायत्री कॉलोनी, शंकर कॉलोनी, नाई की बगिया, नवाब साहब रोड, पुराना बस स्टैंड, विष्णु मंदिर के सामने, होटल आइस पैलेस के पास, शंकर कॉलोनी, ठंडी सड़क सहित कई इलाकों में पानी भर गया है. पानी की निकासी न होने और घरों में पानी भरने से लोग परेशान हैं. लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश है.


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