मध्य प्रदेश

मध्य-प्रदेश: अपराध रोकने में असफल गृह मंत्री दी इस्तीफा, कांग्रेस का आरोप आदिवासियों की दुश्मन है भाजपा सरकार

Kajal Dubey
4 July 2022 9:36 AM GMT
मध्य-प्रदेश: अपराध रोकने में असफल गृह मंत्री दी इस्तीफा, कांग्रेस का आरोप आदिवासियों की दुश्मन है भाजपा सरकार
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मध्य प्रदेश के गुना में आदिवासी महिला को डीजल डाल कर जलाने के मामले में कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आदिवासियों का दुश्मन बताया। साथ ही उन्होंने प्रदेश में बढ़ते अपराध रोकने में असफल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से इस्तीफा देने की मांग की है।
मप्र कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया एवं मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा की मध्य प्रदेश में कानून नाम की चीज नहीं है। जंगलराज के हालात है। उसी का परिणाम है गुना में आदिवासी महिला को खेत में जिंदा जला दिया गया।
उन्होंने कहा कि आदिवासी परिवार की साढ़े 6 बीघा जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा था, जब उनके खेत पर आरोपी जुताई कर रहे थे महिला वहां पहुंची तो आरोपियों द्वारा उसको डीजल डालकर आग लगा दी। महिला मदद के लिए गुहार लगाती रही। वहीं, बेखौफ अपराधी महिला का वीडियो बनाते रहे, जबकि 23 जून को परिवार द्वारा पुलिस सुरक्षा की मांग की गई थी। पुलिस द्वारा सुरक्षा ना देकर दबंगों को अपराध करने की छूट दे दी। आदिवासी परिवार के पास जो जमीन थी वह पट्टा कांग्रेस सरकार द्वारा दिया गया था। भाजपा सरकार में जमीन छीनी जा रही है जो अधिकार कांग्रेस सरकार में दिया गया था।
मप्र में भाजपा-आरएसएस के लोग ही आदिवासियों पर लगातार अत्याचार कर रहे हैं। सिवनी के मामले से यह प्रमाणित हो गया था। चाहे नेमावर का जघन्य हत्याकांड हो नीमच का बर्बरतापूर्वक पिटाई कांड हो या खंडवा, खरगोन, गुना और सिवनी में हुआ हत्याकांड। सभी मामलों से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश में आदिवासियों को सुरक्षा देने में भाजपा सरकार असफल रही है। अपराधों के बाद वाह-वाही लूटने के लिए बुलडोजर चलाने की नौटंकी करने वाली भाजपा सरकार क्यों नहीं बताती हैं कि अगर बुलडोजर से ही अपराध रुकते तो नित नए अपराध क्यों हो रहे हैं अब गुना में आदिवासी महिला पर मानवता को तार-तार करने वाला अपराध क्यों हुआ? भाजपा की आदिवासी विरोधी नीति का ही नतीजा है कि मध्य प्रदेश आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में देश में प्रथम स्थान पर है भाजपा आदिवासियों को बांटने की राजनीति कर रही है
देश में सर्वाधिक आदिवासी मध्य प्रदेश में रहते हैं अगर आदिवासी अधिकार के नाम पर राष्ट्रपति को पद देना था तो मध्य प्रदेश के किसी आदिवासी को दिया जाना चाहिए था। आबादी के हिसाब से आदिवासी वर्ग में भील 1.70 करोड़, गोंड 1.3 करोड़ है। उनकी की उपेक्षा की गई जिस संथाल वर्ग की उम्मीदवार बनाई है उनकी आबादी केवल 74 लाख है। अपने गांव में तक बिजली नहीं पहुंचा पाई ऐसी उम्मीदवार आदिवासी समाज का कितना भला कर पाएंगी। हमारी मांग है आदिवासी परिवार को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए पीड़ित महिला के समुचित इलाज की व्यवस्था की जाए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए एवं कानून व्यवस्था का पालन करवाने में असफल प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इस्तीफा दें
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