मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश: मंदिर में दलित महिलाओं को पूजा करने से रोका गया, वीडियो वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई

Kunti Dhruw
4 March 2022 10:33 AM GMT
मध्य प्रदेश: मंदिर में दलित महिलाओं को पूजा करने से रोका गया, वीडियो वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई
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मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन करने वालों की घर वापसी और धर्म परिवर्तन से रोकने के लिए राजनीति जमकर गरमाई हुई है.

मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन करने वालों की घर वापसी और धर्म परिवर्तन से रोकने के लिए राजनीति जमकर गरमाई हुई है. ऐसे में खरगोन से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई जिसमें युवती पूजा सहित आधा दर्जन दलित महिलाओं को ही पूजा करने से गांव के दबंगो ने रोक दिया. साथी युवती ने इसका वीडियो बना लिया जिसमें पुजारी और अन्य महिलाओं द्वारा दलित महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने और विरोध करने का खुलासा हो रहा है.

क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद दलित संगठन सड़क पर उतर आया. मामला बिगड़ता देख खुद मेनगांव थाना पुलिस टेमला गांव पहुंची और पीड़ित युवतियों की शिकायत पर मंदिर के पुजारी सहित अन्य 2 महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह भी है कि यह पूरा घटनाक्रम ग्राम टेमला का है जहां मंदिर में दलितों का प्रवेश बन्द है. यही नहीं पीड़िता की मानें तो निमाड़ के प्रसिद्ध पर्व गणगौर पर भी दलितों को गांव के मुख्यमार्ग से जाने से रोक के कारण पथरीले ,कंटीले रास्तों से गणगौर माता की बाड़ी जाना पड़ता है.
दलित संगठनों ने किया विरोध
मध्यप्रदेश के खरगोन मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर दूर गांव टेमला है. वहां शिवरात्रि पर्व पर दलित महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से गांव की महिलाओं और पुजारी द्वारा रोका गया. पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. दलित संगठन विरोध दर्ज कराने के साथ ही भेदभाव करने पर पुजारी सहित अन्य दोषियों के खिलाफ एफआईआर की मांग करने सड़क पर उतर आया. हालांकि मामला गरमाते देख पुलिस गांव पहुंची.
युवती ने क्या कहा
युवती का आरोप है कि खरगोन के ग्राम टेमला ही नहीं बल्कि जिले के अधिकांश गांवों में दलितों के साथ मंदिर में प्रवेश और त्योहारों के दौरान भेदभाव किया जाता है. इसकी शिकायतें होती हैं लेकिन सुनवाई और कार्रवाई नहीं होती है. संविधान के अनुसार हमें भी मंदिर जाने का अधिकार है लेकिन दलितों से भेदभाव होता है. पूजा का कहना है कि हमें किसी राजनीतिक पार्टी से कोई मतलब नहीं है. हमसे भेदभाव करना गलत है. उन्होंने निमाड़ के गणगौर पर्व पर भी भेदभाव वाला व्यवहार करने कआ आरोप लगयाया और नाराजगी जताते हुए उचित कार्रवाई की मांग की.
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