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मध्य प्रदेश
मध्य-प्रदेश: आरोपी लड़के के खिलाफ तीसरी बार गिरफ्तारी वारंट जारी, नाबालिग लड़की को किया जाए माता-पिता के सुपुर्द
Kajal Dubey
7 July 2022 2:21 PM GMT

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने नाबालिग लड़की को माता-पिता के सुपुर्द करने आदेश जारी किए थे। युगलपीठ ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए बिहार के भोजपुर निवासी युवक के खिलाफ तीसरी बार डीआईजी के माध्यम से गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
याचिकाकर्ता पिता की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया था कि उसकी 17 साल की बेटी को भोजपुर बिहार निवासी पवन तिवारी अपने साथ ले गया है और बंधक बनाकर रखे हुए हैं। उसकी बेटी जनवरी से गायब है और जिसकी तलाश पुलिस अभी तक नहीं कर पाई है। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए लापता लड़की को पेश करने के निर्देश दिए थे। आधारताल पुलिस द्वारा लड़की को युगलपीठ के समक्ष पेश किया गया।
लड़की ने युगलपीठ को बताया कि वह 6 जनवरी को ट्रेन से दिल्ली गई थी। दिल्ली में अपने दोस्त आहना खान के घर पर उसके माता-पिता के साथ थी। याचिका के संबंध में जानकारी मिलने पर वह जबलपुर लौटी है। सरकार की तरफ से बताया गया कि पुलिस ने अनावेदक पवन तिवारी के खिलाफ धारा 363 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। जिसके संबंध में पुलिस को सुराग नहीं मिल पाया है।
पुलिस जांच में किशोर द्वारा हाईकोर्ट को बताई गई कहानी झूठी पाई गई थी। युगलपीठ ने अपहरण के आरोपी युवक के खिलाफ बिहार डीआईजी के माध्यम से गैर जमानतीय वांरट करते हुए किशोरी को चाइल्ड केयर सेंटर में भेजने के निर्देश जारी किए थे। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता बेटी की कस्टडी के लिए पेश आवेदन की सुनवाई करते हुए उसे माता-पिता के सुपुर्द करने के निर्देश जारी किए। युगलपीठ तीसरी बार आरोपी युवक के खिलाफ डीईजी के माध्यम से गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता असीम त्रिवेदी ने पैरवी की।
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