मध्य प्रदेश

बोरिंग कर्मचारियों से हुई लाखों की लूट

Rani Sahu
25 April 2023 3:06 PM GMT
बोरिंग कर्मचारियों से हुई लाखों की लूट
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मध्य प्रदेश: धार के घुटियादेव में 2 फरवरी 2023 के दिन बोरिंग मशीन चलाने वाले कर्मचारियों के साथ हुई लूट की घटना में शामिल लूटेरों को बाग पुलिस टीम ने अरेस्ट कर लिया है। बदमाश जल्द रुपए कमाने और अपनी मौज मस्ती के लिए खर्च आने वाले रुपयों को लेकर लूटेरे बने थे, जिसमें लूट की गैंग का मुख्य लीडर सुनील पिता बाराम है, जिसे ही सबसे पहले बाग पुलिस टीम ने अरेस्ट किया था। पुलिस पूछताछ में सुनील ने लूट की घटना कबूल करते हुए अपने साथियों का नाम बताया है। इसी आधार पर पुलिस ने घटना का पर्दाफाश करते हुए दूसरे आरोपी जगदीश के साथ 85 हजार रुपए का माल जब्त किया है।
दरअसल गत दिनों मासिक समीक्षा बैठक में एसपी मनोज कुमार सिंह ने थानों पर दर्ज अपराधों में फरार चल रहे बदमाशों को अरेस्ट करने के निर्देश दिए थे। ताकि अपराधों पर नियंत्रण किया जा सके। इसी कड़ी में बाग पुलिस टीम को सफलता मिली है।
अधिक खर्च करने लगा आरोपी, पुलिस ने पकड़ा
थाना प्रभारी रणजीत बघेल ने दैनिक भास्कर से चर्चा में बताया कि तमिलनाडु प्रदेश के जिला कालाकुर्छे निवासी सेंदिल, संपत अपने साथी सुरेश पिता हरिसिंह के साथ ग्राम घोटियोदव में बोरिंग मशीन से बोरिंग करने आए थे। इस बीच 2 फरवरी को बाइक सवार बदमाश वहां आए और पत्थर मारकर उनके पास से 1 लाख 20 हजार रुपए लूटकर फरार हो गए। सूचना के आधार पर पुलिस ने सुरेश मोरी की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु की थी। लूटेरे मोबाइल भी लेकर गए थे, ऐसे में बाग पुलिस ने साइबर क्राइम ब्रांच की मदद ली। इसी बीच सूचना मिली कि ग्राम हासलबड निवासी सुनील पिछले कुछ दिनों से बहुत ज्यादा रुपए खर्च कर रहा हैं, ऐसे में पुलिस टीम गांव पहुंची और सुनील को अरेस्ट करके थाने पर लेकर आई तो पूरी घटना का पर्दाफाश हो गया।
दोस्त बने लूटेरे
थाना प्रभारी बघेल के अनुसार सुनील ने पूछताछ में बताया कि अपने साथी दीपक पिता सुमल, नरबत पिता जहर सिंह, जगदीश पिता विजय सिंह के साथ मिलकर लूट की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने सुनील के घर से 30 हजार रुपए कीमत का लूटा हुआ मोबाइल सहित ग्राम बड़कक्ष्छ से बदमाश जगदीश को अरेस्ट किया है, जिसके पास से पुलिस ने 30 हजार रुपए की नकदी भी जब्त की है। वहीं फरार बदमाश दीपक और नरबत की तलाश को लेकर एक टीम गठित की गई है। सभी लूटेरे आसपास के गांव के ही रहने वाले है और मिलकर लूट की वारदात को अंजाम देते थे।
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