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डिण्डौरी जिले में तैयार हो रहे हैं कोदो-कुटकी के उत्पाद और रेसिपी
भोपाल न्यूज: मध्य प्रदेश में मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने का दौर जारी है और उसी का नतीजा है कि कोदो-कुटकी के व्यंजन भी तैयार हो रहे हैं। इन व्यंजनों की बाजार में खूाब मांग भी बढ़ रही है। महिला एवं वित्त निगम की सहायता से डिंडौरी में कोदो-कुटकी के विभिन्न उत्पाद और व्यंजन रेसिपियां तैयार की गई हैं। कोदो-कुटकी से बर्फी, कुकीज, ब्रेड, टोस्ट, नमकीन और खिचड़ी इत्यादि तैयार किये जा रहे हैं। इसके लिये विभिन्न ईकाइयां स्थापित कर उनका संचालन हो रहा है । ज्ञात हो कि वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स (मोटा अनाज) वर्ष घोषित किया गया है। मध्यप्रदेश में भी मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मिलेट्स की पौष्टिक तत्व और बेहतर गुणवत्ता होने से विदेशों में अधिक मांग है। मध्यप्रदेश में अलग-अलग इलाकों में विभिन्न प्रकार के मिलेट्स का उत्पादन और उपयोग किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के डिंडौरी जिले की लहरी बाई की मन की बात में प्रशंसा भी की।
मिलेट्स सभी तरह की स्थितियों के लिये अत्याधिक अनुकूल होते हैं। इन्हें पानी उर्वरक और कीटनाशकों की न्यूनतम आश्यकता होती है। अन्य अनाजों की तुलना में यह स्वास्थ्य के लिए बेहतर माईक्रोन्यूट्रिएंट प्रोफाइल और बायोएक्टिव फ्लेवोनॉयड्स वाली पौष्टिक फसल है। प्रदेश का डिंडौरी जिला मिलेट्स में कोदो-कुटकी के लिये विख्यात है। यह विलुप्त प्रजाति की लघु धान्य फसल है, जिसमें गेहूं, चावल की अपेक्षा प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि सूक्ष्म पोषक तत्व बहुत तादाद में उपलब्ध है। कोदो-कुटकी का ग्लासेमिक इन्डेक्स न्यून है। यह व्यक्ति को अधिक समय तक ऊर्जावान बनाये रखता है। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में छह वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को पूरक पोषण आहार प्रदान किया जाता है। इससे पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है।