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चुनावी मोड में वोटबैंक पर निगाह, अब रोडमैप तय कर होंगे सारे काम
इंदौर न्यूज़: नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सरकार ने रोडमैप तय कर काम शुरू कर दिया है. इसके तहत चुनिंदा सेक्टर तय किए गए हैं, जिन पर चुनावी मिशन के तहत ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. प्रोजेक्ट के काम पूरे करने के साथ बड़े वर्ग तक दायरा रखने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन में कसावट का मकसद है. सीएम शिवराज सिंह ने जनहितैषी योजनाओं की चरणबद्ध समीक्षा करना तय किया है, ताकि आगे चलकर चुनावी रोडमैप पर सत्ता-संगठन को इसका फायदा मिल सके. इसमें हितग्राहीमूलक योजनाओं को फोकस पर लिया गया है.
चुनावी रोडमैप पर अब हर बड़े कार्यक्रम में सत्ता-संगठन के लोग रखे जाएंगे. सरकार के हितग्राहीमूलक कार्यक्रमों में पार्टी पदाधिकारी भी शिरकत करेंगे. पार्टी के कार्यक्रमों में भी स्थानीय स्तर तक मंत्री को शामिल होना होगा. चुनावी मोड में काम के लिए यह गाइडलाइन तय की गई है.
जातिगत हितग्राही
अजा-जजा, ओबीसी वर्ग को लेकर भी सरकार अलर्ट है. 2018 में अजा-जजा वोट बैंक की नाराजगी भारी पड़ी थी. इस बार इन वर्गों की योजनाओं का अलग से कैम्पेन बन रहा है. अब तक और आगे इनके लिए उठाए कदमों को लेकर काम होगा. हितग्राही सम्मेलन अगलेतीन महीने में किए जाएंगे.
जनहितैषी योजनाएं
सत्ता-संगठन ने चुनाव के लिए सभी जनहितैषी योजनाओं के हितग्राहियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इस पर करीब दो महीने से काम चल रहा है. अगले तीन महीने में फिर दर-दर जाकर हितग्राहियों से संपर्क बढ़ाया जाएगा. इसमें पीएम आवास, फ्री राशन, किसान सम्मान और स्वनिधि योजना के हितग्राही प्राथमिकता पर हैं. यह हितग्राही वर्ग 5.50 करोड़ तक है, जिसे लक्षित करके अब काम होगा.
लाड़ली बहना
इस योजना को सरकार मास्टर स्ट्रोक मानकर चल रही है. एक करोड़ महिलाओं के हितग्राही बनने का अनुमान था. यह संख्या और बढ़ सकती है इसलिए सरकार अगले तीन महीने इस पर फोकस करेगी. 10 जून से राशि वितरण के साथ ही बड़े कार्यक्रम होंगे. ब्रांडिंग की कार्ययोजना भी बनाई गई है.
लर्न एंड अर्न
दूसरी बड़ी योजना युवाओं को लाभ देने वाली ‘लर्न एंड अर्न’ है. क्रियान्वयन का खाका तैयार हो रहा है. योजना बेरोजगारी मुद्दे की काट के रूप में है. इसमें 50 लाख युवा जुड़ सकते हैं. युवाओं को सरकार 8 हजार रुपए प्रतिमाह देगी. इसमें पहली बार के वोटर्स भी जुड़ सकते हैं. ऐसे करीब 15 लाख वोटर्स हैं.