मध्य प्रदेश

कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर लगाया झूठ बोलने का आरोप

Admin2
27 Jun 2022 7:32 AM GMT
कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
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जनता से रिश्ता : पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि सीएम जिम्मेदारी के पद पर बैठे हुए हैं और उसके बाद भी रोज नये झूठ जनता के सामने परोस रहे हैं। उन्होने कहा कि पिछले 17 सालों में मध्यप्रदेश के भविष्य पर ग्रहण लगा कर बैठी भाजपा सरकार यह नही समझ रही है कि ''झूठ बराबर पाप नही और सच बराबर तप नही''। मुझे आशा नही थी कि मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे शिवराज जी इस कदर झूठ बोलने के आदी होंगे।

कमलनाथ ने कहा कि संबल योजना को लेकर मेरी सरकार पर शिवराज जी आरोप लगाते हैं कि मैंने गरीबों से जुड़ी यह योजना बंद कर दी थी। ये एक सफेद झूठ है। उन्होने कहा कि शिवराज जी सरकार में बैठे है और यदि संबल योजना बंद करने का कोई आदेश जारी हुआ हो तो वे आदेश सामने लेकर आये। भाजपा सरकार ने जिन अपात्रों को योजना में जोड़ा था उसकी जांच प्रशासनिक तंत्र द्वारा की गई थी और जो पात्र मिले थे उनका नाम योजना में रहा और जो अपात्र थे उनका नाम योजना से हटा। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, इसमें योजना बंद करने की बात कहां से हो गई। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार के समय संबल योजना में हजारों-लाखों अपात्र लोगों को जोड़ लिया गया था। यह कार्य भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं और उनसे जुड़े लोगो को गलत लाभ देने के लिये किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या अपात्र लोगों को जोड़कर सरकार की योजना का गलत लाभ दिलाना घोटाला नहीं है? क्या ये जनता से वसूले गये टेक्स के पैसे का दुरूपयोग नही है ? शिवराज सरकार में तो घोटाला हो रहा था और अब शिवराज जी सफेद झूठ बोलकर क्या इस घोटाले को दबा छुपा रहे है ? वास्तविकता यह है कि कांग्रेस सरकार के समय श्रमिकों के लिये संबल योजना के स्थान पर नया सवेरा योजना लागू की गई थी, जिसके तहत 1.5 करोड़ से अधिक श्रमिक भाईयों को लाभ हेतु पात्र घोषित किया गया था और लाभ देने के लिये सत्यापित किया गया था।
उन्होने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को जनता को तो यह सत्य बताना चाहिए कि कांग्रेस सरकार के दौरान नया सवेरा योजना शुरू की गई थी, जिसमें ना सिर्फ संबल योजना के सभी प्रावधान थे बल्कि सभी लाभ एवं सुविधायें श्रमिक परिवारों को दी गई थी
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