मध्य प्रदेश

Jhansi: पशुपालन विभाग ने टीकाकरण अभियान संचालित करने का निर्णय लिया

Admindelhi1
27 July 2024 3:26 AM GMT
Jhansi: पशुपालन विभाग ने टीकाकरण अभियान संचालित करने का निर्णय लिया
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5.90 लाख मवेशियों का होगा टीकाकरण

झाँसी: विषाणुजनित रोग खुरपका और मुंहपका से मवेशियों को बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने टीकाकरण अभियान संचालित करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत आगामी 15 से 30 अगस्त तक विभागीय टीम गांव-गांव, घर-घर जाकर गाय व भैंसों को टीका लगाएगी. इसकी प्रगति संबंधी रिपोर्ट प्रतिदिन शासन भेजनी होगी.

बारिश और सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्रमुख रूप से गोवंशीय व महिषवंशीय पशुओं में खुरपका और मुंहपका रोग होने की आशंका बलवती रहती है. यह रोग एक से दूसरे पशु में तेजी के साथ फैलता है. इसलिए बारिश शुरू होते ही पशुपालन विभाग ने जनपद में गोवंश व महिषवंश के पशुओं को खुरपका और मुंहपका रोग से प्रतिरक्षित करने के लिए टीका लगाने का निर्णय लिया. इसके लिए 15 से 30 अगस्त तक बाकायदा अभियान चलाया जाएगा. जिसमें 5,90,000 मवेशियों का टीकाकरण होगा. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मुख्य पशुचिकित्साधिकारी ने ब्लाकवार 4-4 टीमें बनाई हैं. जिनमें पशुचिकित्साधिकारी, पैरावैट व चतुर्थश्रेणी कर्मचारी शामिल हैं. यह टीम गांव में लोगों के घर-घर जाकर गोवंशों व महिषवंशों का टीकाकरण करेगी. इसके एवज में ग्रामीणों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सरकार ने इसको मुफ्त कर रखा है. इसकी शुरूआत गोवंश आश्रयस्थलों से होगी. प्रतिदिन की प्रगति का ब्योरा टीमें जिला मुख्यालय भेजेंगी. जिसके बाद सीवीओ इनको कंपाइल करके जनपद का लेखाजोखा शासन भेजेंगे. विभागीय अफसरों के मुताबिक इस टीकाकरण में लापरवाही न करने के लिए टीम के सदस्यों को आगाह किया गया है.

संक्रमण के प्रमुख लक्षण

खुरपका और मुंहपका वायरल डिजीज है. इसके सन्क्रमण से खुर, मुंह और थनों में छाले हो जाते हैं. कुछ समय बाद यह पककर फूटने लगते हैं. मुंह में छालों की वजह से पशु भोजन नहीं कर पाता है, जिससे उसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता कम हो जाती है. गर्भित पशु का गर्भपात हो जाता है. वैक्शाीनेशन इसका बचाव है.

इनको नहीं लगानी वैक्सीन

पशु चिकित्सकों के मुताबिक टीकाकरण से पहले टीम के सदस्य विभागीय वेबसाइट पर पशु का पंजीकरण करेंगे. इसके बाद उसको टीका लगाया जाएगा. टैग नहीं होने पर पहले टैगिंग होगी इसके बाद टीकाकरण होगा. माह से अधिक गर्भित और चार माह से कम आयु वाले पशओं को टीका नहीं लगाया जाएगा.

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