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फाइल फोटो
जनता से रिस्ता वेबडेसक | जबलपुर में एक मर्डर की जानकारी पुलिस को मौत के 50 दिन बाद पीएम रिपोर्ट से लगी। ये हत्या जादू-टोने के संदेह और 40 रुपए के लिए बार-बार टोकने के गुस्से में अंजाम दिया गया था। पुलिस को 64 वर्षीय आरोपी से जुर्म कबूल करवाने में चितावर वाली मां (कुंडम जिले में आदिवासियों की प्रसिद्ध देवी) के नाम का सहारा लेना पड़ा।
आरोपी खुद तंत्र-मंत्र में विश्वास करता था और खुद झाड़-फूंक करता था। पुलिस ने भी उसके अंधविश्वास को हथियार के तौर पर प्रयोग किया। संदेही होने के बावजूद पुलिस उससे कुछ उगलवा नहीं पा रही थी। जैसे ही पुलिस ने कहा कि मां ने खुद उसका नाम बताया है। इस पर आरोपी मुकर नहीं पाया। इसके बाद उसने हत्या की पूरी कहानी सुनाई।
शव मिलने के बाद मौके पर डीएसपी अपूर्वा किलेदार और एफएसएल की टीम पहुंची थी।
ये थी घटना
तिलसानी गांव निवासी रमेश सिंह उरैती (45) गांव के बाहर फिफरी में झोपड़ी डालकर रहता था। झोपड़ी के पास ही रोड किनारे उसने चाय की दुकान खोल रखी थी। 11 सितंबर को सुबह नौ बजे तक उसकी दुकान नहीं खुली। चचेरा भाई संहदेव सिंह उरैती चाय पीने पहुंचा ताे दुकान बंद थी। वह रमेश को जगाने उसकी झोपड़ी पर गया तो वह मृत मिले। रमेश के नाक से हल्का खून निकला था। पुलिस ने शव का कुंडम में पीएम कराया। मौत के 50 दिन बाद पुलिस को पीएम रिपोर्ट मिली तो उसमें एंटीमार्टम (मृत्यु के पूर्व सांस अवरूद्ध होना) का जिक्र था।
पीएम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने संदेही को दबोचा
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि वारदात से पहले 10 सितंबर की रात पास में रहने वाले भोला सिंह मरावी से विवाद हुआ था। भोला कुछ भी स्वीकार नहीं कर रहा था। पुलिस को इसी बीच पता चला कि भोला झाड़-फूंक करता है। उसने पूर्व में एक व्यक्ति से हजार रुपए की शर्त भी लगाई थी कि वह भूत से हाथ मिलवा देगा। हालांकि वह शर्त हार गया था। भोला को जादू-टोना और झाड़-फूंक पर गहरा विश्वास था।
पुलिस ने उसी के अंधविश्वास से सुलझाई कत्ल की गुत्थी
कुंडम थाने के आरक्षक राजकुमार ने अधिकारियों को उसके अंधविश्वास को हथियार बनाने की तरकीब सुझाई। फिर उस क्षेत्र के सबसे बड़े झाड़-फूंक करने वाले बाबा का नाम लेकर संदेही भोला को पुलिस ने बताया कि उसने चितावर वाली मां से इस हत्या के बारे में पूछा था। चितावर वाली मां तुम्हारा नाम लिया है। बताया कि तुमने मुंह व नाक दबाकर मार डाला था। 10 सितंबर की रात 11 बजे वारदात के समय की चीख थोड़ी दूरी पर रहने वाले रामनाथ गिरी ने भी सुनी थी। पुलिस का ये पासा सही पड़ा। आरोपी ने जुर्म स्वीकार करते हुए हत्या की पूरी वारदात उगल दी। इसका खुलासा पुलिस ने 53 दिन बाद आज किया है। इसके पहले तक पुलिस इसे सामान्य केस मान रही थी, लेकिन 50 दिन बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने नए सिरे से इसकी जांच शुरू कर दी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने तीन दिन में ही मामले का खुलासा कर दिया।
बेटी की तबीयत खराब होने से लेकर 40 रुपए का था विवाद
रमेश ने भोला को तीन हजार ईंट दी थी। उसके पैसे लेने थे। साथ ही उसकी चाय की दुकान पर भोला ने 40 रुपए की उधारी की थी। रमेश अक्सर इस पैसे के लिए उसे टोकता था। तीसरा और प्रमुख विवाद की वजह भोला की बेटी ममता बाई मरावी की खराब तबियत थी। भोला को अंधविश्वास था कि उस पर किसी भूत-प्रेत का साया है। 10 की रात में ममता खून की उलटी कर रही थी। इसे लेकर रमेश से भोला का विवाद हुआ था। वह रमेश पर आरोप लगा रहा था कि उसके महुआ वाला भूत उसकी बेटी को परेशान कर रहा है। रमेश के भतीजों ने पहुंच कर समझौता कराया था।
रात 11 बजे वारदात को भोला ने दिया अंजाम
पुलिस को भोला ने बताया कि रमेश के भतीजे तिलसानी गांव में रहते हैं। समझौता कराकर वे चले गए। पर उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ था। वह रात 11 बजे चुपचाप उठा। झोपड़ी में रमेश सो रहा था। उसने मुंह व नाक दबा दिया। उसके नाक पर मुक्के से वार भी किया था, उसी के चलते खून निकला था। हत्या के बाद वह चुपचाप घर आकर लेट गया था। अगले दिन लाश मिली तो लोगों में हार्ट अटैक से मौत की अफवाह फैल गई। उसे भी लगा कि शायद किसी को पता नहीं चलेगा।
आरोपी बदलता रहता है गांव
डीएसपी अपूर्वा किलेदार के मुताबिक हत्या का प्रकरण दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। आरोपी के बारे में पता चला है कि वह इससे पहले गंगई और त्रिपुरी गांव में रह चुका है। उसके गांव बदलने की वजह का पता लगाया जा रहा है। इसके पूर्व के अपराध के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।