मध्य प्रदेश

IPS पुरुषोत्तम शर्मा मुश्किल में, विभागीय जांच शुरू, जाने पत्नी ने क्यों की थी शिकायत

jantaserishta.com
3 July 2021 3:59 AM GMT
IPS पुरुषोत्तम शर्मा मुश्किल में, विभागीय जांच शुरू, जाने पत्नी ने क्यों की थी शिकायत
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हनी ट्रैप केस का SIT चीफ बनाया गया था.

भोपाल. पत्नी के साथ मारपीट करने वाले निलंबित IPS अफसर पुरुषोत्तम शर्मा की विभागीय जांच शुरू हो गई है. इस विभागीय जांच के साथ सरकार ने उनकी पुरानी फाइल भी खोल दी है. प्रशासन द्वारा एक अन्य मामले में भी उनसे जवाब तलब किया गया है. सारे प्रकरण एक साथ खुलने से पुरुषोत्तम शर्मा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. पत्नी के साथ मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद सरकार ने पुरुषोत्तम शर्मा को निलंबित किया था.

गौरतलब है कि ये वही पुरुषोत्तम शर्मा हैं, जिन्हें कमलनाथ सरकार में हनी ट्रैप केस का SIT चीफ बनाया गया था. इतना ही नहीं उन्हें साइबर क्राइम के साथ कई महत्वपूर्ण पद भी दिए गए थे. इसके बाद बीजेपी की सरकार में पुरुषोत्तम शर्मा का पत्नी के साथ मारपीट करने और एक महिला के साथ वीडियो सामने आया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. सरकार ने वीडियो के आधार पर पुरुषोत्तम शर्मा को निलंबित कर दिया था.
हालांकि, इस कार्रवाई के दौरान पुरुषोत्तम शर्मा से जवाब भी मांगा गया. लेकिन, उनके जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ और उसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया. उन्होंने इसे अपना व्यक्तिगत मामला बताया था और उनके सपोर्ट में उनकी बेटी भी खड़ी हो गई थी, लेकिन उनके बेटे उनकी पत्नी के समर्थन में थे. इसलिए यह मामला उलझता ही चला गया.
बता दें, पुरुषोत्तम शर्मा के डायरेक्टर लोक अभियोजन के कार्यकाल से जुड़े एक मामले की फाइल सरकार ने फिर खोल दी है. इस मामले में सरकार ने चार्जशीट भेजकर उनसे 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है. उन पर आरोप है कि डायरेक्टर लोक अभियोजन पद पर रहते हुए उन्होंने नियम विरुद्ध बड़ी संख्या में स्टाफ का अटैचमेंट किया था.
पुरुषोत्तम शर्मा ने जब पत्नी के साथ मारपीट की थी उस वक्त उनके बेटे पार्थ गौतम ने वीडियो बनाए थे. इस घटना से जुड़े वीडियो सामने आए. एक वीडियो में शर्मा घर में पत्नी को पीट रहे हैं, जबकि दूसरे में शर्मा अपनी एक परिचित महिला के फ्लैट में बैठे थे. जब वे महिला के साथ थे, तब उनकी पत्नी वहां पहुंच गई थी और सवाल खड़े किए थे. पार्थ गौतम ने यह वीडियो फुटेज गृह मंत्री, डीजीपी समेत बड़े अफसरों को भेजे थे.
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