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भोपाल न्यूज़: अपराधियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका अदा करने वाली फोरेंसिक और डीएनए लैब में सैंपल्स की पेंडेंसी बनी हुई है. हालात ये हैं कि प्रदेश में फोरेंसिक लैब संबंधी 43 हजार से ज्यादा सैंपल्स को जांच का इंतजार है. डीएनए लैब में सैंपल्स की पेंडेंसी 8,900 है. हालांकि यह पेंडेंसी कुछ कम हुई है. पहले आंकड़ा 11000 से ज्यादा था. भोपाल, इंदौर में डीएनए सैंपल्स जांचने की क्षमता बढ़ाई गई है. जबलपुर मं भी डीएनए लैब खोलने की तैयारी है. रीजनल फोरेंसिक साइंस लैब के डायरेक्टर शशिकांत शुक्ला बताते हैं कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और सागर के बाद जबलपुर में भी डीएनए लैब शुरू की जा रही है. इससे पेंडेंसी को कम किया जा सकेगा. वैज्ञानिकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है. 44 पदों पर एमपीपीएससी ने परीक्षा और इंटरव्यू आयोजित किए हैं. 29 वैज्ञानिकों की तैनाती जल्द होगी. इनमें से नौ वैज्ञानिक बायोलॉजी के हैं, जिन्हें डीएनए लैब में तैनात किया जाएगा.
इसलिए जांच जरूरी: यौन उत्पीड़न केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीएनए जांच अनिवार्य की गई है. इसके बाद से लैब में सैंपल्स की संख्या बढ़ी है. फोरेंसिक लैब में बिसरा जांच के मामले सबसे अधिक पेंडिंग हैं. रिपोर्ट नहीं मिलने से कोर्ट में भी ये प्रकरण पेंडिंग ही हैं.
भोपाल, सागर, इंदौर और ग्वालियर के बाद अब जबलपुर में फोरेंसिक लैब शुरू करने की तैयारी है. जबलपुर में डीएनए लैब भी होगी. इसके बाद मप्र में डीएनए जांच के लिए पांच लैब हो जाएंगी. रतलाम, रीवा में फोरेंसिक लैब शुरू की जाएंगी. वैज्ञानिकों की भर्ती होने पर लैब को शुरू किया जाएगा.