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इंदौर के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में वरिष्ठ छाती चिकित्सक डॉ. रवि डोसी के नेतृत्व में श्वसन और नींद चिकित्सा विभाग द्वारा इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी पर रविवार 16 जुलाई 2023 को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, मुंबई, स्पेन के 88 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पल्मोनोलॉजी, सर्जरी, रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया, ऑन्कोलॉजी के कई विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया। कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को ब्रोंकोस्कोपी, ईबीयूएस, क्रायोबायोप्सी करने का अवसर दिया।
डॉ. नितिन अभ्यंकर, पुणे, डॉ. सौरभ पाहुजा, अमृता अस्पताल, दिल्ली, डॉ. रवि दोसी, इंदौर, डॉ. समीर घोष, इंदौर, डॉ. शिल्पी दोसी, इंदौर, डॉ. गार्गी घोष, इंदौर और डॉ. सुनीत लोकवानी, इंदौर ने व्याख्यान दिए। । हाल के दिशानिर्देशों पर विचार किया गया और कठिन केस अध्ययनों पर चर्चा की गई। इंदौर चेस्ट सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. रूपेश मोदी ने फुफ्फुसीय रोगों के उपचार में बदलते नियमों पर अध्यक्षीय भाषण दिया और कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. एस.जेड. जाफ़री और डॉ. प्रमोद झंवर ने की। रविवार को आयोजित वर्कशाप में बताया गया कि इंटर्वेंशनल पल्मोनोलॉजी सब ब्रांच के जरिए चेस्ट़ की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, जिसमें दूरबीन के द्वारा लंग्स के अंदर आजकल कई बीमारियों का जल्दी ही निदान हो सकता है।
इसकी खास बात यह है कि इस इंटर्वेंशनल पल्मोनोलॉजी का उपयोग कर करीब दो से ढाई साल पहले ही कैंसर का पता लगाया जा सकता है। जिस तरह पेट की जांच के लिए एंडोस्कोपी का उपयोग किया जाता है उसी तरह लंग्स की जांच के लिए ब्रोंकोस्कोपी का उपयोग किया जाता है। ब्रोंकोस्कोपी से छोटी-छोटी गांठों, हवा की नलियों में छोट-छोटे टुकड़ों आदि का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा लंग्स के कैंसर, तंबाकू खाने के बाद होने वाले कैंसर और नींद के समय खर्राटे आने से संबंधित समस्या के कारणों का भी पता लगाया जाता है। इसी से संबंधित कठोर ब्रोंकोस्कोपी पर अगला कार्यक्रम नवंबर में निर्धारित है।