मध्य प्रदेश

इंदौर: जवान ने राह भटके बच्चो को पहले कपडे और फटाके दिलाये फिर उनके माता पिता तक पहुंचाया

Teja
4 Nov 2021 10:25 AM GMT
इंदौर: जवान ने राह भटके बच्चो को पहले कपडे और फटाके दिलाये फिर उनके माता पिता तक पहुंचाया
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फाइल फोटो 

पटाखों के लालच में निकले और रास्ता भटके

जनता से रिस्ता वेबडेसक | देर रात विजय नगर थाना क्षेत्र के मेघदूत नगर में रहने वाले एक ही परिवार के तीन बच्चे अचानक घर से लापता हो गए। परेशान होकर परिजन ने पुलिस वालों को सूचना दी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले। बच्चों को ढूंढ निकाला। तीनों मासूम बच्चों ने जो जवाब दिया, जिसे सुनकर पुलिस का दिल पसीज गया। माता-पिता को सोचने से पहले बीट प्रभारी और जवानों ने बच्चों की पहले इच्छा पूरी की। उसके बाद उन्हें माता-पिता को सौंपा।

थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि मंगलवार दोपहर इलाके के रहने वाले 9 साल की बच्ची, 6 साल का बालक और 4 साल की बालिका लापता हो गए। जानकारी लगने के बाद क्षेत्र के बीट जवानों को अलर्ट किया गया। सीसीटीवी फुटेज खंगाले। त्योहारों के चलते बड़ी संख्या में बाहर के व्यापारी व अन्य वर्ग शहर में आना-जाना करते हैं, इसलिए पुलिस को अनहोनी की भी आशंका थी, लेकिन जैसे ही बमोरी के वीर जवान जितेंद्र को बच्चे दिखाई दिए, उन्होंने थाने पर सूचना दी। थाने से घटना में लगे अतुल अजय आरक्षक रामपाल व एसआई मालवीय तुरंत मौके पर पहुंचे। बच्चों को थाने ले आए। यहां बच्चों ने घर से जाने का जब कारण पूछा तो पुलिस वालों का दिल पसीज गया। आरक्षक वीर सिंह ने नए कपड़े दिलवाते हुए

पटाखों के लालच में निकले और रास्ता भटके

तीनों बच्चों ने थाने पहुंचते की बताया कि उसके माता-पिता मध्यम वर्गीय परिवार के हैं और दीपावली के चलते उनके घर में नहीं माता पिता ने उन्हें नए कपड़े दिलाए नहीं पटाखे दिलवाए हैं वह घर से निकले थे कि हम कहीं से पटाखे ले आएंगे। आतिशबाजी करेंगे, लेकिन जब पिता सामान नहीं लाए, तो वह घर से निकल गए थे। घर से कुछ दूर निकलते ही कुछ पटाखों की दुकान दिखे, लेकिन वह वापस आने का रास्ता भूल गए। भटकते हुए विजय नगर थाने के दूसरे इलाकों में चले गए।

पुलिस ने दिलाए कपड़े और पटाखे

मासूम बच्चों को जब पुलिस वाले कपड़े की दुकान पर पटाखों की दुकान पर ले गए, तो बच्चों ने कहा कि पुलिस वाले यह भी करते हैं। यहां हमने पहली बार देखा है, इससे पहले तो जब भी हमारी गलियों में पुलिस की गाड़ी आती है। आसपास के लोग इधर-उधर भागने लगते हैं, लेकिन पुलिस का यह चेहरा हमने पहली बार देखा है।

नए कपड़े और पटाखे की गन से मिलने से खुश थे बच्चे

थाना प्रभारी के साथ स्टाफ भी सिख गया

थाना प्रभारी के ड्राइवर वीर सिंह का कहना था कि टीआई साहब कोरोना के समय से कई लोगों की मदद करते हुए दिखाई देते है। उन्होंने बीट के जवानों और सभी आ रक्षकों को कहां रखा है कि जब भी हो सके जरूरतमंद की मदद करने की आदत बना लें, तो तस्वीर बदल सकती है।

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