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Indore: इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन में 17 लाख एकड़ से ज्यादा एरिया शामिल रहेगा
इंदौर: प्राधिकरण (IDA) की बोर्ड बैठक में कल इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन को तैयार करने के लिए कंसल्टेंट फर्म (Consultant Firms) की नियुक्ति और उस पर सुपर विजन (Super Vision) के लिए सेफ्ट को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री (CM) की घोषणा पर अमल करने के लिए इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की मास्टर प्लानिंग की जा रही है, जिसमें 906 गांवों को शामिल किया गया है और इसका कुल क्षेत्रफल 17 लाख एकड़ से अधिक रहेगा, जिसमें इंदौर के साथ-साथ उज्जैन, देवास, धार को भी शामिल किया जा रहा है। इंदौर से 50 किलोमीटर के दायरे में 29 नगर स्थित हैं, जिनमें से 4 प्रमुख हैं और 7 नगरों में निवेश क्षेत्र का गठन किया गया है, तो 5 शहरों में विकास योजनाएं प्रभावशील है।
इंदौर का मास्टर प्लान भी प्रस्तावित है, मगर उसके साथ ही अब मेट्रो पॉलिटन रीजन की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि प्राधिकरण ने जिस कंसल्टेंसी फर्म का चयन किया है उसे चार माह में अपनी रिपोर्ट बनाकर देना है। इंदौर की ही मेहता एसोसिएट कम्पनी को इसका जिम्मा मिला है, जिसने 2 करोड़ 90 लाख रुपए की राशि का टेंडर फॉर्म भरा था और 3 टेंडरों में सबसे कम राशि इसी फर्म की होने के चलते बोर्ड ने मंजूरी दी है। यह पहला मौका है जब इतने विशाल एरिया की मास्टर प्लानिंग की जाएगी। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा है कि इंदौर चूंकि औद्योगिक राजधानी है लिहाजा उसके आसपास के जिलों को शामिल करते हुए एक विस्तृत कार्य योजना बने, ताकि आने वाले 25-50 सालों के मुताबिक ये शहर विकसित हो सकें। महाकाल लोक बनने के बाद चूंकि उज्जैन का यातायात भी बढ़ गया है और देशभर के श्रद्धालु यहां आने लगे, तो धार का मांडव भी पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
लिहाजा इंदौर रीजनल प्लान में 906 गांवों को शामिल करते हुए प्लानिंग की जा रही है। इस मेट्रोपॉलिटन रीजन का कुल क्षेत्रफल 6 लाख 63 हजार 140 हेक्टेयर यानी 17 लाख एकड़ से अधिक होता है, जिसमें उज्जैन, देवास, पीथमपुर, महू शामिल किया गया है। इसमें यातायात से लेकर सेटेलाइट टाउन विकसित करने, पर्यटन, पर्यावरण, कृषि भूमि के संरक्षण से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सभी कार्य भविष्य की दृष्टि से करवाए जाएंगे। भू-उपयोगों को लेकर भी नीति निर्धारित की जाएगी।