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इंदौर: शहर में बुखार के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। दरअसल यह इंफ्लूएंजा वायरस का संक्रमण है, जो खांसी एवं छींक की वजह से हवा में तैरते हुए कीटाणुओं के जरिए तेजी से दूसरे लोगों को भी प्रभावित करता है।
अरविंदो हास्पिटल के चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि इस समय यह संक्रमण इंदौर में बहुत अधिक संख्या में लोगों को प्रभावित कर रहा है। यह एक तीव्र श्वसन संक्रमण है, जो खांसी और छींक के माध्यम से आसानी से फैलता है। इस संक्रमण के रोगी पहले सामान्य बुखार से प्रभावित होते हैं और लापरवाही के चलते वे तीव्र बुखार से ग्रसित हो जाते हैं। फिर उस पर नियंत्रण के लिए काफी समय लगता है। यह वायरस शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है। अरविंदो अस्पताल के डॉ. सुष्मित कोष्टा ने बताया कि इंफ्लूएंजा-ए वायरस को प्रोटीन के आधार पर दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है। इस महीने फ्लू के लक्षणों से प्रभावित मरीजों में से 30 प्रतिशत मरीजों में एक प्रकार का उक्त वायरस पाया गया, जबकि 10 प्रतिशत मरीजों में दूसरे प्रकार के वायरस की पुष्टि हुई है।
इस वायरस के चलते यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह कोरोना की तरह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इस संक्रमण के चलते जहां लोगों को पेट का संक्रमण और डायरिया हो रहा है, वहीं बच्चों और युवाओं में निमोनिया के भी लक्षण नजर आते हैं। इस संक्रमण की चपेट में बच्चे, युवा बुजुर्ग सभी है। संक्रमण के कारण लोगों को सिर में बेतहाशा दर्द, सांस की नली और सीने में तकलीफ भी हो रही है। इसी वायरल के चलते अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं। संक्रमण के चलते मरीजों को सिर में तेज दर्द के चलते दी जाने वाली दर्द निवारक और बुखार की दवाइयां मरीजों पर कम असर कर रही हैं, इसलिए उन्हें हाईडोज की दवाइयां दी जा रही हैं। इस दौरान खास बात यह है कि इस संक्रमण की जांच में रिपोर्ट निगेटिव आती है, लेकिन बाद में यह अपना प्रभाव दिखाती है।